Post Views: 1 क्या समझ रखा है तुमने प्रशासन को?कितना भ्र्ष्टाचार करोगे? कुछ ईमान धर्म बचा है या पूरा ज़मीर बेच खाये हो? श्रीवास्तव साहब ने “आक्रोश” से भरकर “बड़े बाबू” मेश्राम की फ़ाइल को फेंकते हुये कहा… जी सर.. यहाँ तो ऐसा ही चलता था, पहले वाले SDM साहब भी ऐसी ही फाइलों में … Continue reading आक्रोश – अविनाश स आठल्ये
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