आखिरी पड़ाव – डॉ शंकर लाल माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 5 उस दिन बंद कमरे में हो रही उनकी बातें अधखुली खिड़की से सुनीं, तो मैं दंग रह गया। अंदर से खाली होता जा रहा था, अज्ञात भय सालने लगा। बेटे अखिलेश की शादी हुए अभी दो ही साल तो बीते हैं। काफी सोच-विचार कर भरे घर की बेटी को बहू बनाकर लाया … Continue reading आखिरी पड़ाव – डॉ शंकर लाल माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi