आखिर उसे फैसला लेना ही पड़ा। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

Post View 1,824 “पछतावे के आँसू” को पोछती हुई ऋचा एकाएक उठ खड़ी हुई, और गौरव से बोली “राखी अब आपकी ज़िम्मेदारी है। और ये जो नया मकान में रह रहें हैं, आप ये मेरे पति की कमाई से बना हुआ है। आपके हिस्सा का पुराना घर, उधर है, जाइए जाकर अपनी पत्नी के साथ … Continue reading आखिर उसे फैसला लेना ही पड़ा। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi