Post View 218 ऐसे तो तुम्हें सैकड़ो काम पड़े रहते हैं। तुम्हारे साथ वक्त बिताने का इससे बेहतर मौका कब मिलता । मुझे बहुत डर लग रहा है जी , और आपको मस्ती सूझ रही है। बारिश, बिजली और गर्जना की रफ्तार बढती जा रही थी तभी सामने एक ढाबा दिखाई दिया … Continue reading ” आज की बरसात ” – गोमती सिंह
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