आहुति – विनोद साँखला

Post View 579 ” भला ऐसे भी कोई अपनी जान थोड़े ना दे देता है, ज़रूर इसका शहर में किसी ना किसी के साथ कोई टांका ज़रूर भिड़ा होगा..” मिसेज़ चौबे ने अपनी राय दी। ” हाँ-हाँ बहनजी मैंने भी सुना है की शहर में रहकर शराब भी पीने लगी थी” मिसेज़ बघेल ने भी … Continue reading आहुति – विनोद साँखला