आ अब लौट चलें- नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi

Post View 9,396   ट्रेन किसी पुल से गुजर रही थी।खिड़की के बाहर नदी के नाम पर दूर तक एक रेतीला मैदान भर था।पटरियों से गूंजते खट-पट के स्वरों के मध्य पुल के गुजरते खंबे ही अहसास करा रहे थे कि ट्रेन किसी नदी से गुजर रही है ।पिछली बार जब वह घर से विद्रोह करके … Continue reading आ अब लौट चलें- नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi