कभी- कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

विमला जी (६० बर्ष) अपने बेटी को बहुत बहुत ज्यादा मानती थी | हर बात पे मेरी बेटी ,मेरी बेटी करती रहती थी | विमला जी के पति राजेश जी, बहुत  समझदार और सुलझे हुए बुद्धि विचार वाले व्यक्ति थे | उन्ही के कारण उनके परिवार में  सब  हसी खुशी चल रहा था | उनका एक ही  बेटा था जो सेना में था | शादी के कुछ साल तक अपनी वाइफ को अपने साथ रखता था |

लेकिन विमला जी की तबियत कुछ खराब रहने लगी | तो अपनी वाइफ को मां के पास भेज दिया |ताकि मां की मदद हो सके,और मां आराम से  रहे | लेकिन विमला जी को बहु की बिल्कुल कदर नहीं थी |

वो सारा टाइम बहु की  बुराई करते नहीं थकती | हमेशा  अपनी बेटी से बात करती रहती | और उनकी बात भी क्या होती | तेरी भाभी ने ये कर  दिया , तेरी भाभी ने वो कर दिया | बस बहु की बुराई  करती थी | राजेश जी विमला जी को  बार बार समझाते | आप  ऐसे नहीं बोलो बहु को , बुरा लग जायेगा | सारा दिन घर का काम करती है ,आपकी  सेवा भी करती है |लेकिन आपको  सिर्फ कमी ही दिखती है | जब आपका   बेटा ले के चला जाएगा तब आप को समझ आयेगा |

हा, हा ले जाए मैने कब मना किया है | वैसे भी क्या करती ही  है | दो ,चार रोटी बना देती है ,दो चार कपड़े धो देती है ,वो भी ढंग से नहीं करती  | मै कर लूंगी सब | इतनी भी बुड्ढी नहीं  हु मै |समझे |

राजेश जी अचानक सीने पे हाथ लगा जोर जोर से बोलने लगे ,विमला जी जल्दी से कुछ करिए ,मेरे सिने में बहुत दर्द हो रहा है | विमला जी डर गई ,और घबराई हुई , बहु बहु करने लगी | जल्दी आओ देखो क्या हो गया है इनको ?   बहु जल्दी कुछ करो | बहु ने बोला कुछ नहीं होगा मां मै हु ना | पानी ले के आई और पानी पिलाया |

बोला पापा जी आप ठीक है ना? हा बेटा ठीक हूं | विमला जी मेरे लिए चाय बना के ले आइए | हा जी ले के आती हूं ,जाते हुए  विमला जी ने बहू से बोला बेटा तुम इनके पास ही रहना | कही जाना नहीं ,मै चाय ले के आती हु  | जी मां जी  मै यही हु | आप आइए | चाय बनाते हुए बेटी को कॉल किया बेटी तुम आ जाओ तुम्हारे पापा की तबियत बहुत खराब है |

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बेटी ने बोला ठीक है मां आप ध्यान रखो मै २ दिन में  आती हु | दो दिन ? जल्दी आना बेटा | कुछ दिनों तक विमला जी भाग भाग के राजेश जी की सेवा कर रही थी  | उनकी पसंद का खाना बनाती | उनका सर दबाती ,पैर दबाती | राजेश जी का सारा काम करती वो, भी खुशी खुशी | उनकी बेटी आ रही थी |

वो ड्राइवर  के साथ अपने बेटी को लेने स्टेशन  चली गई | राजेश जी ने पानी मांगा , तो बहु ने पूछा पापा जी आपको हुआ क्या है ? आपका बीपी शुगर सब तो नॉर्मल है  | फिर भी आप मां जी से बोल रहे है मेरी तबियत खराब है | ऐसा क्या हो गया आपको?

राजेश जी हसने लगे | बोले बेटा “कभी कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है “मै क्या करू,विमला जी दिन भर फोन पे लगी रहती है ,आपकी बुराई करती रहती है , हमको अच्छा नहीं लगता था | इसलिए मैने ये सब किया | देखा जब इंसान अपने काम में  व्यस्त रहता है तब उसके पास  किसी की बुराई करने का भी टाइम नहीं होता है | सारा काम तो आप करती हो बेटा | विमला जी के पास कोई काम होता नहीं है | इस लिए सारा दिन आपके कामों में कमी निकालती  है | 

पीछे खड़ी विमला जी और उनकी बेटी सब सुन रही थी | राजेश जी उनको देख अवाक रह गए | बोले विमला जी मै तो बस ऐसे ही कुछ  उल्टा सीधा बोल रहा था | आप ध्यान नहीं दीजिएगा मेरी बातों का | बीमार हु ना ,इस लिए अनाब सनाब बक रहा हूं | सब जोर जोर से हसने लगे | विमला जी ने अपने बहु को बोला सुनो बहु आज से मै अपने पति का सारा काम करुगी |और तुम भी समान पैक करो और अपने पति के पास जाने की तैयारी करो |  राजेश जी  ने बोला विमला जी आपकी  बातो ने हमको बिल्कुल ठीक कर दिया |

राजेश जी मन ही मन बहुत खुश थे ,की अब मेरी बहु भी खुश और  विमला जी भी खुश रहेंगी |

 

रंजीता पाण्डेय

कभी- कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है 

 

 

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