बहन – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

   सुमन दी की बेटी की शादी का आग्रह भरा निमंत्रण पाकर मैं बहुत एक्साइटेड हो गई…

फिर से बचपन से गुजर कर जवानी की दहलीज तक के सफर की अनमोल स्मृतियों से भरी उन गलियों में कदम रखना कितना सुखद होगा… 

                       रेलवे कॉलोनी में सुमन दी का परिवार मेरा परिवार और ठाकुर बिरेंद्र अंकल का परिवार अगल बगल में होने  और बात विचार में समानता होने के कारण बिल्कुल परिवार की तरह हीं था… एक दूसरे के सुख दुख में हमेशा खड़े रहते थे..

सुमन दी मुझे बड़ी बहन की कमी कभी महसूस नहीं होने दी..

                       बिरेंद्र अंकल का बड़ा बेटा कमल मेरा छोटा भाई बन गया था.. क्योंकि मैं अपने माता पिता की इकलौती संतान थी..

                    मृदुभाषी अल्पभाषी पढ़ाई में मेघावी कमल अपने से छोटे तीन भाई बहनों के साथ बड़े भाई की भूमिका बहुत अच्छे से निभा रहा था…

                    अपनी पढ़ाई खत्म कर भाई बहनों को पढ़ाता था… भाई बहन भी खूब इज्जत और प्यार लुटाते थे कमल पर… आंटी की पहली संतान कमल था जिसे जान से भी बढ़कर मानती थी..

पूरे रेलवे कॉलोनी में कमल को आदर्श बेटा और भाई की उपाधि मिली हुई थी.. कोमल के लिए दुनिया का बेस्ट भाई कमल था… कोमल तीनों भाइयों की जान थी…. तीन भाइयों के बाद कोमल का जनम हुआ था…सब कहते तीन भाइयों के बाद आई है…राज योग है..कमल की तो जान बसती थी कोमल में…अपने पॉकेट मनी से कोमल के लिए कभी क्लिप

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कभी  सैंडिल कभी उसके पसंद का खाने का चीज लाता….एक बार ट्यूशन टीचर ने कोमल को होम वर्क बनाने के लिए  एक चांटा मार दिया तो कमल ने उस टीचर को हटा दिया और उस दिन से कोमल को खुद पढ़ाने लगा…कमल कहता मैं नौकरी करूंगा तो पहला काम होगा कोमल की शादी अच्छे से अच्छा घर वर और धूम धाम से करना… लोग याद रखे की इकलौती #बहन #की शादी की ये एक मिशाल है…

                     वक्त गुजरता गया… सुमन दी की शादी हो गई… वो भी लोकल..

     और पढ़ाई खत्म होते हीं मेरी शादी भी हो गई.. मैं दुबई चली गई पति के साथ… सुमन दी से सबका समाचार मिल जाता था.. क्योंकि अवकाश प्राप्त होने के बाद पापा पटना में फ्लैट लेकर शिफ्ट हो गए थे..

                आज बरसों बाद अपने शहर में आई हूं.. सुमन दी के गले लग गई.. कितना सुखद अहसास था… थोड़ी देर बाद सुमन दी मेरा हाथ पकड़ उपर कमरे की ओर चल पड़ी तनु चल तुझे मैं एक जबरदस्त सरप्राईज देती हूं…

         देख ये कौन है… जानी पहचानी सूरत कुछ कुछ कमल से मिलती जुलती… सुमन दी ने कहा अरे तनु ये अपना कमल है.. तू इससे बातें कर मैं थोड़ी देर में आती हूं.. मैने कहा जाओ दी शादी ब्याह के घर में पचासों काम होते हैं… मुझे कमल से ढेरों बातें करनी है…

                 सुदर्शन युवक कमल आज मेरे सामने कैसा दिख रहा है.. आगे से उड़े बाल निस्तेज चेहरा उदास आंखे… उफ्फ ये क्या हो गया तुझे कमल..

                 बहुत कुरेदने के बाद कमल ने कहना शुरू किया.. तुम तो जानती हीं हो दीदी पापा मां कोमल किशोर और कुणाल मेरे जान थे.. और कोमल तो हम तीनों भाइयों की लाइफ लाइन थी…. एक हीं तो बहन थी हमारी..मैं उनके बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर पाता था… मेरी नौकरी लग गई एनटीपीसी में… जाने के पहले मैं कितना रोया था भाई बहन मां को चुप कराते कराते पापा भी रो पड़ते…

      पापा एक सप्ताह की छुट्टी लेकर मेरे साथ गए..

मैं छुट्टियों की प्रतीक्षा करता.. कब घर जाऊं…

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            अच्छे अच्छे घरों से रिश्ते आने लगे थे.. पर मैं चाहता था कोमल की शादी हो जाए… पापा मेरे खाने पीने की अव्यवस्था देख शादी का मन बना लिए थे..

      एनटीपीसी के इंजीनियर की बेटी से मेरी शादी तय हो गई…

              खूब शौक से धूमधाम से मेरी शादी संपन्न हो गई.. कोमल भाभी भाभी करते मेघा के आगे पीछे डोलते रहती..उसका पूरा ख्याल रखती…मेघा को घरवालों ने पलकों पर बिठा के रखा पर मेघा…

                     पापा को कुछ दिनों से बुखार हो रहा था… पहले तो साधारण बुखार समझ कर लोकल डॉक्टर से इलाज हुआ… फिर रेलवे हॉस्पिटल में गए… टेस्ट के बाद पता चला ब्लड कैंसर है… दोनो भाई अभी पढ़ाई कर रहे थे कोमल की शादी करनी थी… और कैंसर जैसी बीमारी के खर्चे…

      मेघा अपने रंग में आ चुकी थी… आत्महत्या की धमकी तो कभी दहेज के लिए प्रताड़ित करने का केस कभी महिला आयोग के पास जाने की धमकी… इतना मजबूर कर दिया की उस नाजुक परिस्थिति में घर का बड़ा बेटा को मुंह मोड़ना पड़ा… कोमल की आसूं भरी आंखे बिना बोले सब कुछ कह रही थी… भैया अभी हम सब को आपकी बहुत जरूरत है…

           मैं पल पल मर रहा था जीते जी…

             जब भी जाने की बात करता मेघा ऐसा धमकी देती की चुप हो जाता… पापा अंतिम समय में मुझे याद कर रहे थे पर मेघा ने बताया नही की फोन आया था कॉल डिलीट कर दिया था…

    पापा के निर्जीव शरीर पर गिर कर मैं कितना रोया कितना चिल्लाया पर…

               कोमल किशोर और कुणाल ने किन परिस्थितियों से खुद को संभाला मां को हिम्मत दी ये अगल बगल वालों से सुमन दी से पता चलता था.. पर मैं मजबूर था…

     Veena singh 

               कोमल की शादी बैंक पीओ से हो गई.. मैं अपनी प्यारी छोटी #बहन की शादी के हर विधि से दूर रहा..उसे अपने हाथों से विदा भी नहीं कर पाया…किशोर और कुणाल भी अब बहुत अच्छी स्थिति में हैं.. कोमल भी बहुत खुश है…मां उन लोगों की हिम्मत है.. दोनो की पत्नी भी बहुत अच्छी है.. सुनकर बहुत सकूं मिलता है…

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अपराध बोध से भरी मेरी जिंदगी कट रही है.. दो बेटे हैं मेरे… डुप्लेक्स भी खरीद लिया है… महंगी गाड़ी भी है.. तीज त्योहार पर मेघा हीरा हीं खरीदती है पर खुशी उत्साह जीने की ललक सब पापा के साथ हीं चला गया है… मेरे पाप हीं हैं शायद जिसके कारण मेरी तरह मेरे बेटों की भी कलाई राखी में सुनी हीं रहती है… भगवान ने उन्हें भी# बहन #के सुख से वंचित रखा…

          मां पापा भाई बहन से जो दिल का रिश्ता जुड़ा होता है जिनके साथ हमारा सबसे खूबसूरत लम्हा बचपन गुजरता है मां का निश्चल प्रेम पिता का गुरुर #बहन #का भरोसा गरुर ..ओह इन सब से जुदा हो कर जीना काला पानी की सजा से भी बदतर जिंदगी हो जाती है.. बस पत्नी के साथ इज्जत प्रतिष्ठा और बच्चों के कारण निभा रहा हूं… जिंदा लाश बन गया हूं.. बीपी शुगर डिप्रेशन से ग्रस्त हूं… आज भी पर्व त्योहार पर भाई बहन इकठ्ठे होते है पूरे परिवार के साथ मस्ती करते हैं एफबी पर उनकी फोटो देखकर खुश होता हूं पर आंखें भर आती है काश मैं भी उनका हिस्सा बन पाता…

            जब भी मां के पास जाने की बात करता हूं मेघा भी तैयार हो जाती है साथ जाने के लिए.. एक बार कुणाल की शादी में मजबूरी में साथ ले गया वहां लोगों ने मुफ्त का तमाशा देखा.. कभी मां से झगड़ती कभी कोमल को बुरा भला कहती.. पूरे माहौल को बोझिल और मनहुस बना दिया. हर रक्षा बंधन और भाई दूज को मैं फुट फुट के रोता हूं… #बहन #के रहते हुए भी मेरी कलाई सुनी रहती है..

        कमल फूट फूट के रो रहा था.. मेरी भी आंखें भर आई… क्या था क्या हो गया.. औरत हीं टूटे घर परिवार को जोड़ती है और औरत हीं घर परिवार रिश्ते को तहस नहस कर देती है.. कमल की स्थिति देखकर मन दुःख और आक्रोश से भर गया…..

            आखिर मेघा को क्या हासिल हो गया कमल को उसकी जड़ों से काटकर दूर करने से… एक भाई को अपनी #बहन #से दूर कर के….

       Veena singh

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