कब तक चुप रहूँगी-मुकेश कुमार

रोशनी बचपन से ही होनहार थी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती थी लेकिन उसके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे   कि वह बहुत ज्यादा पढ़ाई कर सके।  इसलिए उसकी पढ़ाई 12वीं के बाद ही छूट गई थी और उसके पिताजी ने उसकी शादी एक साधारण कमाने वाले लड़के से कर दी थी।

लेकिन रोशनी हमेशा सोचती थी कि वह अपने बच्चो को बहुत पढ़ाएगी। चाहे इसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े। शादी के 2 साल बाद ही रोशनी को एक लड़की हुई अब वह लड़की 5 साल की हो गई थी। स्कूल में जाने लायक हो गई थी। लेकिन उसके पति की आय इतनी नहीं थी कि वह अपनी बेटी को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सके।

इसलिए उसने फैसला किया कि वह भी अब जॉब करेगी और वह अपने कमाए हुए पैसे से अपनी बेटी को पढ़ाएगी। उसके बाद जॉब सर्च करना शुरू कर दी थी तभी किसी जानकार के द्वारा उसे एक कॉल सेंटर में जॉब का ऑफर मिला ।

शुरुआत में रोशनी को पैसे कमाने से मतलब था वह भी इतना कि उसकी बेटी की पढ़ाई का फीस जमा हो जाए।  रोशनी अगले दिन से जॉब करने के लिए जाने लगी थी। धीरे-धीरे रोशनी अपने काम की वजह से वहां की टीम लीडर बन चुकी थी।  



अब जो भी कोई नई लड़की वहां पर ज्वाइन करती उन सब की ट्रेनिंग रोशनी ही देती थी। कैसे उन्हें कस्टमर से बात करना है, किस तरह बिज़नेस डील करना है,  यह सब कुछ रोशनी ही सिखाती थी।

उसी कंपनी में रोशनी को एक सरिता नाम की लड़की से काफी गहरी दोस्ती हो गई थी वह भी वहां पर बहुत पहले से ही जॉब करती थी दोनों की दोस्ती इतनी ज्यादा गहरी हो गई थी कि अब एक दूसरे से अपनी हर बातें शेयर करते थे।

एक दिन  रोशनी जब ऑफिस में गई तो सरिता उस दिन ऑफिस नहीं आई  थी फिर उसने फोन लगाया तो उसका फोन स्विच ऑफ बता रहा था वह परेशान हो गई। उसने सरिता  की मम्मी के पास फोन लगाया। सरिता की मां ने बताया कि सरिता की तबीयत ठीक नहीं है इस वजह से वह ऑफिस नहीं आई है।

उसके अगले दिन भी सरिता ऑफिस नहीं आई थी और आज भी सरिता का फोन स्विच ऑफ जा रहा था रोशनी परेशान हो गई थी।  क्या हो गया है? तबीयत ठीक नहीं है वहां तक तो ठीक है लेकिन सरिता ने अपना फोन स्विच ऑफ क्यों किया है? उसने फैसला किया शाम को वापसी में सरिता से मिलने उसके घर जाएगी।

शाम को ऑफिस खत्म होते ही रोशनी, सरिता के घर गई जैसे ही घर पहुंची दरवाजे पर ही सरिता की मां मिल गई और उसने सरिता के बारे में पूछा तो उसकी मां ने बहाना बना दिया कि सरिता अभी डॉक्टर के पास दिखाने गई है उसकी तबीयत ठीक नहीं है।



रोशनी वापस होने लगी तभी खिड़की से रूम के अंदर सरिता दिखाई दे गई।   रोशनी को यह बात समझ नहीं आई कि आखिर सरिता की माँ ने झूठ क्यों बोला डॉक्टर को दिखाने गई है जबकि सरिता तो अपने रूम में बैठी हुई है।  

रोशनी वापस जा रही थी लेकिन उसका दिल जाने को नहीं कह रहा था,  उसके  मन के अंदर ऐसा ज्वार उठ रहा था कि ऐसा क्या हो गया है, सरिता कुछ बता नहीं रही है कुछ तो बात है।  रोशनी पीछे मुड़कर सीधे सरिता के कमरे में आ गई और सरिता से पूछने लगी सच बताओ क्या बात है तुम मुझसे क्या छुपा रही हो।

दो दिन से तुम ऑफिस भी नहीं आ रही हो और अभी तुम्हारी मम्मी से पूछा तो वह बता रही थी कि तुम डॉक्टर के पास गई हो लेकिन तुम तो यहां कमरे में हो। पहले तो सरिता  कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और बोली “ऐसा कुछ नहीं है रोशनी, बस तबीयत ठीक नहीं है जैसे ही तबीयत ठीक होगा मैं कंटिन्यू कर लूंगी ऑफिस को।”

रोशनी को सरिता की बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था उसके मन में कई सारे सवाल पैदा हो रहे थे कि कुछ तो बात जरुर है जो  सरिता हमसे बताना नहीं चाह रही थी। सरिता को अपने गले लगाया और उसे अपनी कसम दी और बोली अगर तुम मुझे अपनी दोस्त मानती हो तो मुझे सच-सच बताओ बात क्या है।  सरिता फूट फूट कर रोना शुरु कर दी।

सरिता ने पिछले शाम की सारी घटना रोशनी को एक-एक करके बता दिया था कि जब शाम को छुट्टी होने का समय आया और तुम सब लोग घर चले गए।  सर ने मुझे रुकने के लिए कहा तो मैं रूक गई उसके बाद सब लोग चले गए यहां तक कि चपरासी भी चला गया।

मैंने बोला सर क्या अब मैं जाऊं।  सर बोले नहीं रुको थोड़ी देर बाद चले जाना उसके बाद उन्होने  मेरे साथ दुष्कर्म किया और उसका वीडियो भी बनाया और बोला कि अगर किसी से भी बताओगी तो यह वीडियो मैं वायरल कर दूंगा अब तुम ही बताओ मैं किस मुंह से ऑफिस जाऊं।

यह सुन रोशनी के तो होश ही उड़ गए थे क्योंकि उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि ऑफिस का बॉस राघव ऐसा कर सकता है उसे एक इंसान रूपी भगवान समझती थी जो गरीब, लाचार, बेबस लड़कियों की सहायता करता था।  लेकिन रोशनी को अब पता चल गया था इन गरीब, लाचार, बेबस लड़कियों का सहायता नहीं बल्कि उसे उनका फायदा उठाता था।



जो प्यार से मान जाती थी तो उनको पैसे से खरीद लेता था और जो नहीं मानती थी उनको इस तरह के वीडियो बनाकर धमकाता था। सरिता तुम चुप क्यों हो तुम पुलिस में कंप्लेंन क्यों नहीं कर रही हो।

तभी सरिता की मम्मी आ गई और रोशनी से बोली “रोशनी तुम पागल हो गई हो क्या? तुम तो शादीशुदा हो तुम्हारा कुछ नहीं जाएगा लेकिन मेरी बेटी तो अभी कुंवारी है।  अगर दुनिया को यह बात पता चल जाएगा कि इसके साथ पहले से ही रेप हो चुका है बताओ कौन करेगा इसके साथ शादी, हमारी इस मोहल्ले में क्या

इज्जत रह जाएगी।”  रोशनी तुम यहां से चुपचाप चले जाओ और हां याद रखना तुमने कुछ भी नहीं सुना और यह बात यहीं के यहीं भूल जाना। उस वक्त तो रोशनी अपने घर चली गई लेकिन बार-बार उसके मन में सरिता ही आ रही थी।  उसने सोचा कल जब ऑफिस जाएगी तो वह राघव से जरूर पूछेंगी कि उसने सरिता के साथ ऐसा क्यों किया।

अगले दिन रोशनी ऑफिस गई और राघव के आते ही सबसे पहले यही पूछा सर आपने सरिता के साथ ऐसा क्यों किया, क्या दोष था उसका, आपने उसकी जिंदगी बर्बाद क्यों की? राघव ने साफ शब्दों में जवाब दे दिया रोशनी तुम्हें दूसरे के मामले में टांग अड़ाने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हें जॉब करना है करो नहीं करना है तो इस्तीफा दो और जाओ।

 रोशनी बोली की अब तो मुझे इस ऑफिस में जॉब करने का कोई मतलब ही नहीं है लेकिन राघव आप भी याद रखना मैं आपको छोडूंगी नहीं इसकी सजा मैं दिलवा कर रहूंगी और सरिता को इंसाफ दिलवा कर रहूंगी। राघव ने रोशनी को धमकाया।  रोशनी तुम भूल गई हो कि तुम्हारी एक 5 साल की बच्ची भी है।



इतना सुनते ही रोशनी का पारा गरम हो गया और उसने राघव का कॉलर पकड़ लिया और वहीं पर चप्पल निकालकर मारना शुरू कर दी।  शोर सुन ऑफिस के लोग आ गए और रोशनी को राघव से छुड़ाया। रोशनी चुपचाप अपने घर आ गई थी। 

रोशनी ने यह सारी बात रात में अपने पति से बताई। रोशनी के पति ने रोशनी को इन सब मामलों से दूर रहने को कहा, “देखो तुम्हें दूसरे के मामले में टांग अड़ाने की कोई जरूरत नहीं है।ज्यादा नेता बनने की कोशिश मत करो हम कोई बहुत बड़े अमीर आदमी नहीं है कैसे भी करके हम अपनी जिंदगी चला रहे हैं

वह सब बड़े लोग हैं उनके खिलाफ जाकर कुछ नहीं कर सकती हो पुलिस भी उन्हीं का साथ देती है।” लेकिन रोशनी को इंसाफ चाहिए था । अगले दिन ही सरिता के घर गई लेकिन सरिता के माँ ने रोशनी को सरिता  से मिलने से मना कर दिया था।

एक दिन जब सरिता की मां किसी काम से घर से बाहर गई हुई थी तभी चुपके से रोशनी सरिता के घर पहुंच गई और सरिता को कहने लगी।  सरिता कब तक तुम चुप बैठोगी अगर तुम इस तरह से चुप बैठोगी तो राघव जैसे दरिंदे का मन बढ़ता जाएगा आज तुम तो कल कोई और तो कल कोई और आखिर कभी तो किसी को  कदम उठाना पड़ेगा और मैं तुम्हारे साथ हूं चलो मेरे साथ। सरिता बोली, “रोशनी तुम क्यों मेरे चक्कर में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रही हो।  उन दरिंदों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं बल्कि वह मेरी जिंदगी और नर्क बना देगा।  उसके पास मेरे रेप का वीडियो है अगर वह वायरल कर दिया तो मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगी प्लीज मुझे अकेला छोड़ दो और जाओ तुम भी अपनी जिंदगी जियो।”

राघव को इस बात का पता चल चुका था कि वह सरिता को पुलिस में जाने के लिए उकसा रही थी। राघव के कुछ गुंडो ने सरिता की मां को पैसा देकर खरीद लिया था और उनको पुलिस में कंप्लेन ना करने की धमकी भी दे दिया था। एक दिन तो कुछ गुंडे रोशनी के घर भी आ गए थे और रोशनी को धमकाया था

अगर वह राघव के खिलाफ जाएगी तो उसका और उसकी बेटी का वही हाल करेंगे जो सरिता का हुआ है। यह बात जब रोशनी के पति को पता चला तो वह रोशनी को बहुत डांटने लगा तुमने आखिर मेरी बात नहीं मानी और तुमने हमारा जीना मुहाल कर दिया है अब तो एक ही हल है

तुम यह सब छोड़ो और गांव जाओ मेरी बेटी को लेकर पता नहीं राघव के गुंडे कब क्या कर दे।  लेकिन रोशनी हार नहीं मानने वाली थी उसने साफ मना कर दिया था अपने पति को कि अब मैं कहीं नहीं जाने वाली हूं अब यह लड़ाई सिर्फ मेरे और राघव के बीच नहीं है अब यह लड़ाई एक दरिंदा अत्याचारी और पूरी समाज के स्त्री जात के बीच है। वह फिर से अगले दिन सरिता  के घर गई। सरिता की माँ ने रोशनी को बहुत डांटा बार-बार कहती हूँ कि तुम हमारे घर मत आया करो फिर भी क्यों आ जाती हो क्यों हमारी जिंदगी नर्क बनाने पर तुली हुई हो। रोशनी हार नहीं मानती थी वह रोज सरिता के घर जाती थी और दरवाजे से वापस लौट जाती थी।

एक दिन जब रोशनी सरिता के घर से वापस लौट रही थी तभी सरिता ने आवाज दी “रोशनी इधर आओ” पीछे मुड़कर देखा तो सरिता थी। रोशनी को खुशी का ठिकाना नहीं था सरिता बोली कि मैं तुम्हारा साथ दूंगी मैं तुम्हारे साहस को सलाम करती हूं इतने दिन मेरी मां तुमको रोज डांटती है

लेकिन तुम फिर भी मुझे  इंसाफ दिलाने के लिए रोज आती हो और अब मुझे भी इंसाफ चाहिए बहुत हो गया अब मैं इस बंद कमरे में नहीं रह सकती हूं। उसी समय रोशनी और सरिता नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर राघव के खिलाफ FIR दर्ज करवाया। पहले तो पुलिस ने राघव के खिलाफ FIR दर्ज करने से ही मना कर दिया था।  उन्होंने बोला कि देखो वह बड़ा आदमी है तुम लोग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती हो तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम लोग समझौता कर लो। लेकिन रोशनी और सरिता  नहीं मानी। आखिर में पुलिस को राघव के खिलाफ FIR दर्ज करना  ही पड़ा।

रोशनी और सरिता ने एक मुहिम चला दिया था। उन सारी लड़कियों को अपने साथ कर लिया था जो कभी डर के मारे राघव के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकी। जब इतने सारे लोग राघव के खिलाफ आ गए तो पुलिस को ना चाहते हुए भी राघव को गिरफ्तार करना पड़ा आज राघव जेल के चारदीवारी के पीछे हैं।

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!