जब सास बनी गई माँ !

आज मै आपको जो कहानी सुनाने जा रही हूँ ये कोई कहानी नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है। इस कहानी को आप अंत तक पढ़िये आपको पता चलेगा की कब लड़ते लड़ते सास माँ से भी अच्छी बन जाती है।

यह कहानी हमारे बिल्कुल बगल में रहने वाली मीना आंटी की है.  मीना आंटी जब हमारे बगल वाले फ्लैट में रहने आई थी तब वह और उनका छोटा बेटा रितेश बहुत छोटा था. रितेश के पापा का देहांत बचपन में ही हो गया था।  एक्चुली में मीना आंटी बैंक में जॉब करती थीं उनका पोस्टिंग हमारे शहर बरेली में हुआ वह पंजाब नेशनल बैंक में जॉब करती हूं।

बहुत मेहनत करके अपने बेटे रितेश को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनाया इंजीनियर बनते ही मीना आंटी मिठाई का डब्बा लेकर हमारे घर में आईं कि हमारा बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया है। वह अब  बहुत खुश थी अब वह अपने बेटे रितेश के शादी के सपने भी देखने लगी थी उन्होंने तो अपने कई रिश्तेदारों से रितेश की शादी के लिए खबर भी भिजवा दीये।

लेकिन अचानक से ही कुछ दिनों बाद रितेश एक लड़की को साथ दिल्ली से वापस बरेली आया कुछ दिनों बाद पता चला कि वह लड़की असल मे रितेश की वाइफ है रितेश ने दिल्ली मे लव मरेज कर लिया था।  मीना आंटी के सारे सपने चूर चूर हो चुके थे कुछ दिनों बाद रितेश अपनी वाइफ संजना को छोड़ दिल्ली चला गया।

कुछ दिनों बाद से ही रितेश के घर में सास-बहू में लड़ाई होना शुरू हो गया क्योंकि रीना आंटी को संजना बिल्कुल भी पसंद नहीं  थी और पसंद हो भी तो कैसे क्योंकि जो सपने मीना आंटी ने रितेश के लिए देखे थे ऐसे अपने बेटे की शादी करूंगी,  शादी में खूब नाचूंगी सारे मेहमानों को बुलाऊंगी यह सारे सपने पल भर में टूट चुके थे।



सास बहू मे लड़ाई होने का एक कारण यह भी था कि संजना घर का कोई कम नहीं करती थी सारा दिन फोन पर लगी रहती थी और  दिन भर टीवी देखते रहती थी थी । उनकी आपसी लड़ाई से मोहल्ले वाले भी तंग हो चुके थे इतना सास बहू में लड़ाई होती रहती थी।

धीरे-धीरे रितेश के शादी को 5 साल से भी ज्यादा हो गया था लेकिन अभी भी संजना मां नहीं बन पाई थी इस बात को लेकर रितेश संजना से लड़ाई करना शुरु कर दिया।  अब रितेश संजना को बिलकुल भी पसंद नहीं करता था। शादी के बाद रितेश संजना को कभी भी दिल्ली वापस नहीं ले आया किसी ना किसी बहाने से उसे बरेली में ही रखता था कहता था कि मां अकेली है मां की सेवा करो।

पिछले 1 साल से तो रितेश वापस घर भी नहीं आया था धीरे-धीरे रितेश का भी प्रमोशन होकर इंजीनियर से प्रोजेक्ट मैनेजर बन चुका था।  और उसकी पर्सनल असिस्टेंट आलिया से लव अफेयर की खबरें कंपनी में आम हो चुकी थी वह दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करने लगे थे रितेश कभी भी आलिया को यह नहीं बताया कि पहले भी एक शादी हो चुकी है।

लेकिन शादी से पहले रितेश में आलिया को सच बता दिया था लेकिन आलिया को इस बात से कोई एतराज नहीं था रितेश और आलिया नई दिल्ली में शादी कर लिया और शादी करके दोबारा वापस बरेली पहुंचे।

वापस बरेली पहुंचते ही रितेश की मां ने पूछा यह कौन है लड़की, रितेश ने बोला यह आलिया है तुम्हारी बहू अब वह पेड़ फल दे नहीं सकता अपनी पहली पत्नी संजना को ताने मारते हुए रितेश तो क्या करें दूसरा पौधा तो लगाना ही पड़ेगा।

तब तक संजना भी वहां आ चुकी थी और यह सब जान जैसे संजना के दिल पर पत्थर मार दिया हो किसी ने ऐसे सुन हो गई थी कुछ देर के लिए।



अब संजना को समझ नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करें संजना को यह बात समझ में आ गई थी रितेश  उसे वापस दिल्ली क्यों नहीं ले जाना चाहता था। क्योंकि उसका आलिया के साथ अफेयर चल रहा था

लेकिन रितेश कि माँ उसका साथ नहीं  दी बल्कि वह और भी गुस्सा हो गई औरत को खेल समझ लिया  है एक से शादी करो और माँ भर जाए तो किसी और से शादी कर लो तुम्हारे लिए  शादी मज़ाक होगा।

रितेश  की मां ने बोला कि माना कि मैं संजना से प्यार नहीं करती हूं लेकिन मैं उसे नफरत भी नहीं करती यह तो मेरी बहू ही थी जो एक साल से जैसी भी हो देखबहल तो किया तुम 1 साल में वापस मुड़ कर भी नहीं देखे कि तुम्हारी मां कैसी है फोन भी तुम 15 दिन में एक बार करते थे।

तो अब तक मेरी देखभाल किसने की संजना ने की और मैं यह कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकती कि संजना की जगह कोई भी लड़की ले।

रितेश साफ-साफ अपनी मां से बोल दिया मुझे लगा कि तुम सजना को पसंद नहीं करती हो तो तुम आलिया को बहुत जल्दी अपना लोगी।

रितेश की मां ने बोला यह कोई खिलौना नहीं है यह पसंद नहीं आया तो कोई और खरीद लो संजना तुम्हारी बीवी है और इसको मैं इसका हक दिला कर रहूंगी।

रितेश बोला कुछ भी हो जाए अब मैं संजना के साथ नहीं रहना चाहता मैं पहले से ही तलाक की कागज बना कर लाया हूँ और  इस पर साइन कर दो।



यह खबर सुनकर तो संजना के सामने मानो उसकी दुनिया ही उजड़ गई वह हृदय से कितना प्यार करती थी रितेश के लिए उसने अपना घर परिवार सब कुछ छोड़ दिया था बड़े शहर दिल्ली छोड़कर एक छोटे से शहर बरेली में आकर रहने लगी थी और रितेश ने क्या किया उसके साथ धोखा।

क्या अगर वह मां नहीं बन सकती है तो क्या रितेश दूसरी शादी कर लेगा ऐसा सोच ही रही थी तब तक रितेश की मा ने संजना के पीठ पर हाथ देते हुए बोला बेटा मैं तुम्हारे साथ हूं और मैं तुम्हारे साथ कभी भी अन्याय नहीं होने दूंगी।

मैं चलती हूं  तुम्हारे साथ किसी वकील के पास लेकिन अब संजना समझ चुकी थी कि रितेश का प्यार उसके लिए मर चुका था उसने बोली मां जब रितेश  मुझे प्यार ही नहीं करता है तो मैं उसके साथ रहते भी क्या कर लूंगी।

जबरदस्ती की जिंदगी जीने से ना वह खुश रह पाएगा ना मैं खुद खुश रह पाऊँगी इस से अच्छा है कि मैं वापस दिल्ली अपने मां-बाप के घर चली जाऊं लेकिन वहां भी जाऊं तो कैसे जाऊं वहां से तो मैंने सारे रिश्ते तोड़ के यहां आ गई थी।

रितेश की मां बोली बेटी जब तक मैं जिंदा हूं तब तक तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है आज के बाद यह घर छोड़ कर हम चले जाएंगे हम मां बेटी दोनों एक साथ रहेंगे और मैं करूंगी तुम्हारी दोबारा शादी।

कुछ दिनों के बाद रितेश की मा ने संजना के लिए एक अच्छा लड़का देखकर संजना की शादी कर दी मुहल्ले वालों ने भी इस शादी की दूर-दूर तक वाह वाही किया क्योंकि एक सास ने बहू कि पहला ऐसा शादी किया था

अब रितेश की मां का रिश्ता सास बहू से मां-बेटी का हो गया था और संजना अक्सर अपने मायके रितेश की मां से मिलने आया करती थी और अपनी जिंदगी खुशी खुशी बिताने लगी थी कुछ दिनों बाद संजना मां भी बन गई थी यह खबर सुन रितेश की मां ने पूरे मोहल्ले में लड्डू बटवाया था जैसे उनकी बेटी का ही लड़का हुआ हो।

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