जिन्दा लाश – स्मिता सिंह चौहान

Post View 856 अरे वाह चन्दा, चाँद सी बेटी को जन्म दिया है तूने तेरा बुढापा तो इसकी कमाई में आराम से चलेगा ।”चंदा बाई ने खुशी से बलैया लेते हुए बोला । “नहीं मौसी, अब इसे तो बखश दें ।एक घंटे पहले तो ये इस दुनियाँ में आयी है, इसे खुल के साँस तो … Continue reading जिन्दा लाश – स्मिता सिंह चौहान