ये घर तुम्हारा भी है – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in hindi

Post View 130,429 जया घूंघट काढ़े ट्रेन में खिड़की के पास बैठी हुई थी… खिड़की के पास मुंह रखने से ज्यादा घूंघट लेने की जरूरत नहीं हो रही थी…. थोड़े में काम चल रहा था…. तभी नन्हा मिंटू दौड़ता हुआ खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया…” मामी मुझे बैठना खिड़की के पास… हटिए… हटिए…” … Continue reading ये घर तुम्हारा भी है – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in hindi