यादों के सहारे जीवन नहीं कटता –   शकुंतला अग्रवाल ‘शकुन’

Post View 223 उमा अपने कमरे की खिड़की  से क्षितिज को निहार रही है । भास्कर अस्ताचल की ओर डग भर रहे हैं साँझ की लालिमा अपने यौवन पर है रात की अगवानी के लिए। उमा को अपना जीवन भी इस डूबते सूरज-सा लगने लगा। जयंत के जाने के बाद से उसकी हालत भी तो … Continue reading यादों के सहारे जीवन नहीं कटता –   शकुंतला अग्रवाल ‘शकुन’