Post View 357 आज अनिता का मन सुबह से बहुत ज्यादा ही उदास था। बार बार आंखें छलक रही थी। सुबह से रात होने को आई थी लेकिन उसकी ज़िन्दगी का सूनापन और अकेलापन तो हर उगते सूरज और हर ढलती शाम के साथ बढ़ता ही जा रहा था। आज उसके पतिदेव मनोहर लाल का … Continue reading वापिसी.. -रीटा मक्कड़
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