वक़्त पर अपने ही काम आते हैं पड़ोसी नहीं – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा  : Moral Stories in Hindi

Post View 2,260 प्राइवेट नौकरी में सब कुछ है पैसा है, रुतबा है, शोहरत है। अगर नहीं है तो बस समय और सुकून नहीं है। आदमी अपने ही घर में पड़ोसी सा हो जाता है। लेकिन किया भी क्या जा सकता है जिंदगी जीने के लिए घर की चौखट लांघ कर परदेसी बनना ही पड़ता … Continue reading वक़्त पर अपने ही काम आते हैं पड़ोसी नहीं – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा  : Moral Stories in Hindi