वादा – विजया डालमिया

Post View 11,092 “प्रेम कहाँ हो तुम?” कहते हुए दना- दन सीढ़ियाँ चढ़ गई प्रिया। दूसरे माले में प्रेम का रूम था। जल्दी-जल्दी चढ़ने की वजह से उसका गोरा रंग गुलाबी हो चला था। सफेद सलवार सूट में वह खिलता गुलाब दिख रही थी। कमरे के बाहर कमर पर हाथ रखकर वह एकटक प्रेम को … Continue reading वादा – विजया डालमिया