“विरोध नहीं सही का आगाज़” ऋतु अग्रवाल
Post View 342 “सम्यक! तेरा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है। तू अपनी बड़ी बहन का विरोध कर रहा है। उस बहन का जो तुझे जान से भी प्यारी थी और वह बहन जो तेरे लिए कुछ भी कर गुजरे। आज तुझे अपनी बीवी इतनी प्यारी हो गई कि तू उसके लिए अपनी सगी … Continue reading “विरोध नहीं सही का आगाज़” ऋतु अग्रवाल
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