अफसोस

कैंसर अस्पताल के उद्घाटन का समारोह था। सामने दीवार पर एक बड़ी सी तस्वीर मुस्कुरा रही थी।तस्वीर से झांकती हुई दो आंखें जैसे अपने दोनों हाथों से डॉक्टर नीरज को आशीर्वाद दे रहीं हों  “जुग जुग जियो बेटा!” डॉक्टर नीरज ने तस्वीर पर माल्यार्पण किया और फिर आगे बढ़ कर तस्वीर के सामने रखे हुए … Read more

नृत्यमं – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

New Project 63

नृत्यमं ,यही नाम था इशिता के नृत्य क्लास का ।जिसका बड़ा सा ग्लोसाइन बोंड लगवाते हुए इशिता फूली नहीं समा रही थी।आज बरसों का सपना जो पूरा हो रहा था उसका।वो अपने सासू मां को धन्यवाद दे रही थी जिनकी बदौलत आज उसका सपना पूरा हो रहा था।कई घंटों के मेहनत से इशिता का का … Read more

मैं आपसे जुदा नहीं बाबूजी – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“बाबूजी आप समझने की कोशिश कीजिए। मैं आपको सलाह नहीं दे रही हूं बस बता रही हूं आप जो कर रहे हैं वह गलत है। इसमें उसकी क्या गलती है। वह तो बच्ची है अभी! अभी दिन ही कितने हुए हैं उसके शादी को?”बड़ी बहू मंजूषा को यह कहते हुए जब सुना तो  मनोहर बाबू … Read more

“मुझे माफ कर दो पापा ” – कमलेश आहूजा  : Moral Stories in Hindi

New Project 56

नेहा अरमान के प्रेम में इतनी पागल हो गई थी कि उसको कुछ भी सुध नहीं थी।कब वो उसको अपने काम के लिए इस्तेमाल करने लगा उसको पता ही नहीं चला। बस वो उसके मोह जाल में फँसती चली गई और अरमान उसका फ़ायदा उठाने लगा। नेहा की माँ ने उसे बहुत समझाया लेकिन वो … Read more

खानदान की इज्जत – निशा जैन   : Moral Stories in Hindi

New Project 57

सेजल घर से बाहर जाती तो काॅलोनी की औरतें कहती कैसी बहू ले आए कपड़े पहनने का ढंग ही नहीं, साड़ी पहनना तो दूर, सूट का दुपट्टा भी सिर पर नहीं रखती। शर्मा जी की बहू खानदान की इज्जत मिट्टी में मिलाने में कोई कमी नही रखती। सेजल जब भी अपने काम पर जाती तो … Read more

खानदान की इज्जत – रोनिता कुंडु   : Moral Stories in Hindi

New Project 94

सुनिए जी… आपको कुछ कहना था… मम्मी के बारे में गीतिका ने अपने पति शशांक से कहा…  शशांक:  अरे यार… फिर से शुरू मत हो जाना तुम… दिन भर काम करके बंदा घर आकर दो घड़ी चैन से सोएगा या फिर घर की महाभारत सुनेगा..? सोने दो मुझे चैन से और खुद भी सो जाओ… … Read more

खानदान की इज्जत – अर्पणा कुमारी   : Moral Stories in Hindi

New Project 38

मेरा नाम माहिर है, अपने घर में सबसे छोटा | अपने मां-बाबा एवं दीदी का लाडला और दादी!!! दादी के तो आंखों का तारा हूं मैं  | उनके अनुसार मैं ही हूं जो उन्हें सोने की सीढ़ी लगाकर स्वर्ग तक पहुचायेगा | पर उनका राजकुमार आज उनकी आंचल की छांव में नहीं ,बल्कि नशा मुक्ति … Read more

छतरी – लतिका श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

New Project 50

नहीं …..हमारे खानदान में ऐसा कभी  नहीं हुआ और जब तक मैं जिंदा हूं मैं किसी को ऐसा करने नही दूंगा.. हमेशा की तरह मैंने गुर्रा कर सबको चुप कराने की कोशिश कर दी थी। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग दिखी मुझे ।आज पहली बार अपने घर में अपनी बात का विरोध करने के … Read more

खानदान की इज्जत बेटी नहीं बेटे के हाथ में भी होती है। – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

New Project 35

आज वर्मा परिवार में रौनक लगी थी, उनकी बेटी सलोनी की सगाई का समारोह था, पूरा घर फूलों से महक रहा था, सबके चेहरे खुशी से चमक रहे थे, बड़ी मुश्किलों से सलोनी का रिश्ता हुआ था।  शशि जी अपनी पोती की बलाइयां ले रही थी, और बीना जी अपनी बेटी की नजर उतार रही … Read more

ख़ानदान की इज़्ज़त – करुणा मलिक    : Moral Stories in Hindi

New Project 96

बहनजी…… ये तुम्हारी जेठानी कहाँ गई , पिछले चार दिन से दूध ना ले रही…कभी किसी को…. कभी किसी को, दूध देना पड़ रहा है । क़रीब अठारह-बीस साल से दूध दे रहा हूँ पर पहली बार ऐसा हुआ कि दरवाज़े पर ताला लटका है ….. तुम्हें भी ना पता क्या , कहाँ गई ? … Read more

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