उम्मीद भरे हाथ – लतिका श्रीवास्तव

Post View 160,447 ..आज फिर उम्मीद लगा बैठी थी सुरम्या कि कोई उसे मनाने आयेगा बिना बताए ही समझ जायेगा कि उसके मन को कौन सी बात मथ रही है लेकिन सुबह से शाम और रात हो गई सब अपने अपने में व्यस्त हैं रात में उसने खाना भी नहीं खाया विराग ने कुछ चिंता … Continue reading उम्मीद भरे हाथ – लतिका श्रीवास्तव