त्याग, तपस्या या समर्पण – बालेश्वर गुप्ता

Post View 4,435   अरे नरेंद्र कहाँ चला गया, जल्द आ।     मैं कहीं नही गया बापू, मैं यहीं हूँ। जल्दी से केतली में गर्म चाय भर ले, देख ट्रेन आने वाली है, प्लेटफॉर्म पर पहुंच जा।आज तो नाम मात्र की बिक्री हुई है, कोशिश करना बेटा, सब चाय बिक जाये। ठीक है बापू। यह संवाद उस … Continue reading त्याग, तपस्या या समर्पण – बालेश्वर गुप्ता