तुम आज भी मेरे मन में जिंदा हो! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi
Post View 1,235 ट्रेन से उतरकर मैं बस पकड़ने के लिए ऑटो कर लिया था। आज मैं अपने पुराने दिन को जीना चाहता था, उसी पुरानी वर्षों, पुरानी दिनों को ,,,जिनकी याद मुझे बहुत ही ज्यादा मीठी लग रही थी! सामने बस स्टैंड था। अनगिनत बसें खड़ी थीं। दलाल और बस कंडक्टर आकर जगह का … Continue reading तुम आज भी मेरे मन में जिंदा हो! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi
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