” तू एक बहू होकर मेरी बहू का दर्द क्यों नहीं समझती!!” – अमिता कुचया

Post View 212 सरला जी के पास बहू स्वाति अपने बच्चे को देते हुए कहती हैं – “मम्मी जी आप‌ बाबू को संभाल लेंगी। यदि आप कहे तो मैं न जाऊं।”तब सरला जी कहती- अरे स्वाति कैसी बात कर रही है, मैं बाबू  का अच्छे से ख्याल रखूंगी। अभी बाहर ठंड है ,इसलिए अपने बाबू … Continue reading ” तू एक बहू होकर मेरी बहू का दर्द क्यों नहीं समझती!!” – अमिता कुचया