तेरी मोहब्बत ने – विनोद सिन्हा “सुदामा”

Post View 1,195 मैं उसे जब भी देखता ,जब भी मिलता था तो यह सोचकर मिलता कि या तो आज सब कुछ कह दूँगा या फिर सब कुछ खत्म कर दूँगा.. फिर सोचता आखिर खत्म क्या करूँ… मेरे दिल मे बसी उसकी बेपनाह मुहब्बत या उसके दिल में बसी  मेरे लिए बेहिंता नफरत.. “दिव्या” मेरे … Continue reading तेरी मोहब्बत ने – विनोद सिन्हा “सुदामा”