Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

चंदा। – कामनी  गुप्ता तलाक के कागज़ पर दस्तखत करने के पहले मन हुआ एक बार फिर सोच लिया जाए। सुमन अपनी दस साल की  बेटी चंदा के पास बैठे बोली… चंदा, मम्मी के साथ रह लोगी न??  चंदा लम्बी सांस लेकर बोली.. मम्मी मुझे पापा भी चाहिए। क्या ऐसा नहीं हो सकता आप अलग- … Read more

सिन्दूर – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद मंजू ने शहर जाकर आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने बाबुजी से कहा। ” बाबुजी, मैं प्रतिमा की तरह छात्रावास में रहकर पढूँगी।” प्रतिमा दूसरे गाँव की श्रीवास्तव परिवार की बेटी थी। ” अरे बेटा, उन लोगों की बात अलग है।…” इतना ही बोल पाये कि दादी … Read more

बेसहारे का सहारा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

साहब, साहब कल से हमार बेटवा घर नहीं आया है साहब ढूंढ लो उसे साहब,अरे आ जाएगा यही कहीं गया होगा दोस्तों के साथ। नहीं नहीं साहब वो तो इस समय तक रोज आ जाता है कहीं नहीं जाता है साहब मुझे बुढ़िया का अंधे की लकड़ी है वो साहब और मेरा कोई सहारा नहीं … Read more

अनजान नम्बर वाला तुम्हारा चहेता तो नहीं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ रिया चलो आज कॉफी पीने बाहर चलते हैं ।” पति सुहास ने रिया से कहा जो ना जाने किन विचारों में खोई हुई गुमसुम सी खड़ी थी “ सुन रही हो?” सुहास ने झकझोरते हुए कहा “हं हाँ क्या कह रहे हो ..?” रिया हड़बड़ाते हुए बोली “ कहाँ खोई रहती हो रिया…हँसना बोलना … Read more

सिर्फ लेन – देन से रिश्ते नहीं बनते.. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

मान्या घर के काम खत्म कर बैठी थी कि मोबाइल बज उठा। देखा बड़ी बहन महिका का कॉल था। “हाँ दीदी, कैसी हो बड़े दिनों बाद कॉल की…”मान्या ने खुशी से चहकते हुये बोला। “अरे मैंने नहीं किया तो तूने कौन सा फोन कर लिया, हमेशा मैं ही फोन करती हूँ “महिका थोड़े नाराजगी वाले … Read more

पैसे कमाती नहीं तो क्या.. पैसे बचाती तो है… – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” बेटा, कल तेरी बुआ के यहाँ पार्टी में तूं और कविता चले जाना.. मेरे तो घुटनों का दर्द बढ़ गया है…. ।,, रमा जी अपने बेटे से बोली …. उनकी ननद के यहाँ छोटे बेटा बहू की पहली सालगिरह की पार्टी थीं। ” क्या करूँगा वहाँ जाकर माँ.. सब के सामने मेरी गर्दन नीची … Read more

मन की कड़वाहट – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

आज एक्साइज इंपेक्टर की ड्यूटी पर बिरला मार्केट में निरीक्षक की भूमिका में वंशिका मार्केट के मुख्य भाग में दाखिल हुई थी। सरकारी महकमे में ड्यूटी की व्यस्तता के कारण उसे बीते पल को याद करने की फुर्सत भी नहीं मिलती। बीस वर्ष के सेवाकाल में वर्तमान को समेटते समेटते भूत को उसने ताक पर … Read more

ससुराल की मिट्टी – सुधीर सोनी : Moral Stories in Hindi

मॉ उन्होंने तलाक़ माँगा है,मुझे पता नहीं वजह क्या है,? बिना इतला किए ससुराल से अपने मायके आकर ये सब वो अपनी मॉ को बता रही थी।,___ ऐसा क्या हुआ तुझे जो तुम भरी दोपहर में बिना इतला किए यहाँ आई ,  फ़ोन पर भी बोल सकती थी मुझे,…!! अपनी मॉ से लिपट कर रो … Read more

साँच को आँच नहीं – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

अक्सर बचपन में सुनी कहानियाँ और सीख जीवन में काम आती हैं।मनुष्य को सरल और सहज जीवन के लिए हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए। कहा भी गया है’सत्यमेव जयते!’अर्थात् हमेशा सत्य की जीत होती है।सत्यवचन से सम्बन्धित प्रस्तुत कहानी पंचतंत्र से ली गई है।पंचतंत्र  विष्णु शर्मा की  कहानियों का संकलन है।पं विष्णु शर्मा ने … Read more

सिंदूर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

वृंदा, कल समय पर तैयार हो लेना , मानव का रिश्ता तय हो गया और बहू को अंगूठी पहनाने चलना है तुम्हें और बुआ जी को हमारे साथ । भाभी, मम्मी जी को कह दूँगी, अभी तो वो मंदिर गई है पर माफ़  करना , मैं नहीं जा पाऊँगी ….. क्यों….. नहीं-नहीं चलना है । … Read more

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