मैं अनाथ नहीं हूं..- हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

moral story in hindi

Moral Stories in Hindi : जिस गति से सिद्धार्थ के हवाई जहाज की रफ्तार थी  उससे भी तेज उसके मन की विचारों की उड़ान थी! आज वह अमेरिका से 4 साल पूरे करके भारत अपने देश, अपने माता-पिता के पास वापस लौट रहा था.. हमेशा हमेशा के लिए! किंतु उसने यह बात  मम्मी पापा को … Read more

पश्चाताप – मीनाक्षी सिंह  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्वेता ये तुमने क्या कर दिया?? ओह… मेरी फूल सी बच्ची कितने दर्द में हैं…. डॉक्टर साहब ये बच तो जायेगी ?? कितने भी पैसे लग जायें मैं अपना सब कुछ बेच दूँगा … पर बस मेरी न्नही सी कली को बचा लीजिये … संतोष चीख चीखकर रोने लगा…  जी… … Read more

सासु माँ की प्यारी बहु – वीणा सिंह  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मम्मी जी जैसे हीं आशी के आने की खबर सुनी गठिया का दर्द और अपनी सारी बीमारी भूलकर लाड़ली बहु की तैयारी के लिए सबको हिदायतें देने लगी..           मैं चुपचाप अपने कमरे में आ गई… आंखें भर आई.. पंद्रह साल होने को आए मेरी शादी को… आशी को मात्र पांच … Read more

दो बूँद आँसू – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दादू दादू,आपको पता भी है,कल पापा पूरे दो घंटे मेरे साथ ही रहेंगे।दादू कल पापा के साथ खूब मस्ती करेंगे।वो जो मैंने कल ड्राईंग बनाई हैं ना दादू,उसे पापा को कल ही दिखाऊंगा,वे खूब खुश हो जायेंगे, है ना दादू।       बबलू की इतनी खुशी और उसका मासूम सा चेहरा देख … Read more

वे शिकायतें जो कभी कही नहीं गईं – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सही तो है शिकायतों का पुलिंदा एक बार खुल गया तो जल्दी बंद नहीं होता है । पति को पत्नी से पत्नी को पति से सास को बहू से बहू को सास से ननंद को भाभी से भाभी को ननंद से यही रिश्ते हैं जिनमें शिकायतें होती हैं । प्रतीक घर … Read more

आप बेटी की मां होकर जंवाई की शिकायत कर रही है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मधु जी हमेशा की तरह अखबार पढ़ रही थी और रीवा रसोई का काम निपटा रही थी क्योंकि  उसे जल्दी ही काम पर जाना था। तभी फोन की घंटी बजती है, रीवा फोन उठाती है, दूसरी तरफ रीवा की मां बोल रही थी, अपनी सास को फोन दें, मुझे उनसे बात करनी है, रीवा ने … Read more

अब और कितने पश्चाताप…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रेलवे स्टेशन में अंधेरा पसर चुका था। बहुत रात हो चुकी थी। ट्रेन अपनी समय से एक घंटे देर  थी।  जब तक मैं स्टेशन पहुंचा तब तक वहां सन्नाटा व्याप्त हो चुका था।  ठंडी की मौसम शुरू हो चुकी थी। कोहरे की पतली  चादर वातावरण में विराजमान थी।  हाथ पैरों  … Read more

सबक जिंदगी का! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

 रिद्धि की विवाह के समय की बात है…  उसके स्वयं के विवाह में सगाई में इतनी खराब साड़ियां आई थी कि सब देख कर कहा उठे थे इससे अच्छी साड़ियां तो तुम्हारी ननदें पहन कर आई हैं,और होने वाली  बहू के लिए इतनी देहाती जैसे कपड़े लाए हैं?  मगर रिद्धि की मां,… वो  तो उदार … Read more

प्रायश्चित – डाॅ  संजु झा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ठाकुर शमशेर सिंह नम आँखों से पिता को अग्नि में विलीन कर घर वापस लौटते हैं।माँ तो कुछ वर्ष पूर्व  ही गुजर गई थी।बगल में चाचा का परिवार है,परन्तु उनके मन और घर में सन्नाटा पसरा हुआ है।वे एकटक से दीवार में टँगी हुई माता-पिता की तस्वीर को निहार रहे … Read more

पश्चाताप – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : घनश्याम जी एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक थे। उनके विद्यालय में आठवीं क्लास तक के बच्चे पढ़ते  थे क्योंकि उनका विद्यालय माध्यमिक श्रेणी तक ही था। उनके घर पर, वे  स्वयं उनकी पत्नी रमा देवी और उनकी तीन संताने थीं।  दो बेटे, सूरज और गौरव और एक बेटी  … Read more

error: Content is Copyright protected !!