उड़ान – सरिता कुमार : Moral Stories in Hindi

New Project 88

वर्दी का आकर्षण बचपन से ही मेरे मन को लुभाता रहा है । मैंने सिर्फ स्कूल ड्रेस के पसंद आने से दो क्लास जंप करके तीसरे कक्षा से छठे कक्षा में प्रवेश लिया था ।  दूसरी कक्षा में प्रथम आई थी इसलिए घर वालों को कोई आपत्ती नही थी । लिखित जांच परीक्षा के बाद … Read more

“ये धन संपत्ति भी ना अच्छों -अच्छों का दिमाग खराब कर देती है” – कविता अर्गल : Moral Stories in Hindi

New Project 89

बहादुर जल्दी से गाड़ी निकालो इस समय बहुत ट्रैफिक मिलेगा एयरपोर्ट पहुंचना है,आज आरव आ रहा है ये  कहते हुए तेजी से सीढी़या उतरते हुए देव बाहर आता है।जी सर गाड़ी बिलकुल तैयार है कहते हुए बहादुर  ड्राइविंग सीट की ओर बढ़ता है,इतने में देव कुछ सोचता है नहीं तुम आज रहने दो आरव को … Read more

संस्कार! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 91

  सावित्री जी ने अपनी युवावस्था में अपने संघर्षरत पति के साथ किए कठोर परिश्रम और अनवरत संघर्षों के पश्चात अपने परिवार को समाज में एक शानदार प्रतिष्ठित स्थान दिलाया था और आज रईसी दुनिया में उनके परिवार का एक विशेष स्थान था। अपने हृदय की उदारता से उन्होंने अत्यन्त औसत परिवार से आई अपनी बहू … Read more

शो ऑफ – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

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“ओफ हो!मुकेश तुम्हें तो पता है ना इस हफ्ते मेरी किट्टी पार्टी है और आज तुम मुझे खबर दे रहे हो अम्मा पिताजी महीने भर के लिए गांव से आ रहे हैं!उनका पहनावा और रहन-सहन,बोल चाल गंवारों जैसा है! मेरी सहेलियों के सामने मेरी क्या इज्ज़त रह जाएगी,क्या सोचेंगी वे मेरे बारे में कि इतनी … Read more

खुशियां पैसों की मोहताज तो नही !! – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 94

” सुनो सौरभ मिट्ठू का पहला जन्मदिन है सब पूछ रहे है कहाँ मना रहे है हम अपनी बेटी का पहला जन्मदिन !” खाने के बाद जब सौरभ टीवी खोलकर बैठा तो उसकी पत्नी मानसी रसोई का काम निपटा उसके पास आकर बोली।  ” मानसी तुम्हे तो सब हालात पता है तो तुम सबसे बोल … Read more

नया रूप – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 95

आज लगभग दो वर्षों के बाद अपने घर में सभी भाई -बहन इकट्ठा हुए थे।शादी के बाद ऐसा कम ही होता था कि,तीनों बहनें एक साथ मायके आ पाएं।साल में एक बार आते तो जरूर थे,पर अपनी और बच्चों की सुविधा अनुसार।सुमन पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी।लगभग बत्तीस साल हो गए थे शादी को। … Read more

दिखावे की जिंदगी – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 96

 भले ही वह दो कमरों का हमारे जैसा ही सरकारी फ्लैट था परंतु ए.सी से ठंडा हुआ कमरा , गुदगुदा सोफा, इतने सुंदर टी.सैट में लाई हुई चाय, बाथरूम में गीजर, आर ओ, प्रत्येक आधुनिक सामान से सजी हुई रसोई, खाने के लिए शानदार काजू की नमकीन, महंगे बिस्किट और भी जाने क्या-क्या? यह सब … Read more

पछतावा – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 97

श्रेया!कहां हो तुम,तैयार नहीं हुई अभी?पुलकित कमरे में आता बोला। पुलकित ने देखा कि उसकी पत्नी श्रेया अभी भी मोबाइल में लगी हुई थी…घर के ही कपड़े पहने थे अभी उसने..उसका पारा चढ़ गया… मैं बेवकूफ हूं क्या जो तुम मेरी बात को सुनती ही नहीं कभी?जब देखो मोबाइल में घुसी रहती हो…अब क्या कर … Read more

ये दिखावा है या प्यार …? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 98

कभी कभी ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है कि सामने  मनपसंद दृश्य देख कर भी दिल भयभीत हो उठता है… मन घबराने लगता है ऐसा लगता है मानो ना जाने अब कौन सी गलती हो जाएगी और ……राशि सामने का दृश्य देख कर यही सब सोच रही थी कि उसके पति निकुंज … Read more

झूठ का बोझ… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 99

“…और कितनी देर लगाओगी… जल्दी करो ना… मां पापा के आने का समय हो गया है…!” ” बस हो गया… दो मिनट और…!” क्रिस्टीना फिर से एक बार आईने में अपने को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोली…” सब तो सही है…!” साड़ी के प्लेट पर हाथ फेर कर… एक बार अपने गालों को … Read more

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