दिखावा – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

New Project 48

जैन साहब की गाड़ी भीड़ के जाम में फंसी हुई थी ,वो जाम खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। तभी नेहा डिपार्टमेंट स्टोर से बाहर निकलती है, तो उनके हाथ में चार कैरी बैग के साथ हैंड बैग भी रहता है। उन्हें देखकर जैन साहब नमस्ते नेहा जी…कहते है तभी उनकी आवाज सुनकर उनकी … Read more

मैं जैसी हूं वैसी ही रहूंगी – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 49

घर से अपनी मां की तेज आवाजें सुनकर मोहित का माथा ठनका,आज फिर इन सास बहू में ठन गई…उफ्फ!!क्या करूं इस दिव्या का..कितना समझाया है इसे मैंने..मां से ज्यादा पंगा मत लिया करो पर सुनती कहां है मेरी। मोहित को आया देखकर दोनों चुप गई थीं,मोहित की मां शकुंतला जरूर कुछ बड़बड़ाने लगी थीं पर … Read more

औलाद के मोह में वे सब कुछ सह गई – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

New Project 50

    बेटे बहू के  आफिस से आने का समय हो रहा था… साथ ही संध्या दीया बाती की भी। बढ़ती उम्र की परेशानियां अपने जगह पर थी।     पति भी संध्या भ्रमण से वापस आ गए होंगे। शाम में वे पार्क के बाहर वाले झोंपरपट्टी वाले चाय दूकान से अक्सर चाय पीकर आ जाते हैं कभी-कभी एकाध … Read more

नफरत की दीवार – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

New Project 60

आज मोहन जी अपने बड़े भाई गोपाल जी के गले लगकर रो पड़े। फिर भाभी के भी पैर छूकर आशीर्वाद लिया। अपने भतीजों को भी गले लगाया।आज इतने बरसों बाद सबको सामने देख कर मोहन जी के आंसू नहीं रूक रहे हैं। कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन गला बार बार रूंध जा रहा था।मन … Read more

दिखावे की ज़िंदगी – अनिता मंदिलवार “सपना ” : Moral Stories in Hindi

New Project 59

एक बड़ा सा महल जैसा घर । रहन सहन उच्च कोटि का । घर में बीसों नौकर चाकर । बेटा, बेटी, बहू और दामाद । सब हैं । घर पर कुछ शोर सुनाई देता है ।      यहाँ क्या शोर हो रहा है भई ! मिस्टर शर्मा घर के अंदर दाखिल होते ही कहते हैं । … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – अनिता मंदिलवार सपना : Moral Stories in Hindi

New Project 58

   मीनू बहन जी , मीनू बुआ जी । सबका यही संबोधन था उनके लिए , ये मात्र संबोधन नही था । संबोधन जैसे जुड़े रिश्ते भी वैसी ही आत्मीयता और उतना ही सम्मान लिए हुए था । उनके जीवन की कहानी सबसे अलग है ।बचपन तो सामान्य ही था । छ: बहनों में सबसे लाडली … Read more

ममता – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

New Project 58

आज रानी ने पहली बार भाभी और भाई को जबाब दिया था। भाभी जब थपाडा मारना चाही तो हाथ उलट दिया -बस आज के बाद हाथ उठाना दूर यदि आंख उठायी तो—बाल पकड़कर खींचा। दोनों पति पत्नी अंदर चले गए। रानी कमरे में गयी और खो गयी अतीत की याद में — आज से तीस … Read more

मदर्स डे – सरिता कुमार : Moral Stories in Hindi

New Project 57

यह दिन मुझे बहुत तड़पाता है इसलिए नहीं की मुझे मेरी ‘मां’ की याद आती बल्कि एक मासूम सा भोला भाला बच्चा याद आता है बहुत पुरानी बात है 2003 की बात। नौसेरा बार्डर पर रोज कोई न कोई हादसा होना सामान्य था।इसी वजह से कभी बात होती थी तो कभी नहीं भी हो पाती … Read more

दिखावे की जिंदगी – दिव्या चाँदवानी : Moral Stories in Hindi

New Project 56

सीमा  मेरी बचपन की सहेली हमेशा से ही दिखावे में बहुत विश्वास करती थी l हर तीज त्योहार से लेकर छोटे-छोटे मौके पर नए कपड़े और नए सामान लेना उसकी आदत में शामिल था उसकी आदत से उसके माता-पिता भी परेशान रहते थे लेकिन फिर भी यह सोचते की धीरे-धीरे वक्त के साथ उसके व्यवहार … Read more

दिखावे की जिंदगी – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

short story in hindi

रोटरी क्लब में आज सर्वश्रेष्ठ जोड़े को खूबसूरत ड्रेसिंग वाले महिला पुरुष को प्रतियोगिता के आधार पर पुरस्कार मिलने वाला है… मयंक और मै दोनों अच्छे से तैयार होकर बाकी जोड़ों की तरह बेस्ट पेयर चुने जाने की उम्मीद लिए गए थे… मन में अनगिनत झंझावात समेटे कभी कभी #दिखावे की जिंदगी #को जीते हुए … Read more

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