हां, मैं अपनी बेटी के साथ रहती हूं – अर्चना खंडेलवाल 

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मैं और मेरी दुनिया, हम तीन लोग थे। जीवन से सारी खुशियां हमने चुरा ली थी| साथ में रहते हंसते-हंसते, बस जीवन जी रहे थे| ऐसा लगता था पूरे जीवन भर हमें साथ रहना है, पर ऐसा नहीं होता है, एक-एक करके हम मिलते हैं तो बिछड़ते भी है। आशु मेरे पति, जिंदादिली से जीते, … Read more

चाँद पर थूकना – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

New Project 55

“ बेटा तेरा गला नंगा क्यों हैं?” “ पहना तो है मंगलसूत्र माँ।”गले में हाथ फिरते हुए …अरे! मेरा मंगलसूत्र… कहाँ  गया…”संजना बोली। “देख बेटा कहीं उतर जार रखा होगा तुमने।” “ नहीं माँ! मैंने कहीं नहीं रखा… जब से तुमने बताया कि.. किसी भी माँ को अपना गला ख़ाली नहीं रखना चाहिए… तब से … Read more

बदलाव – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 46

Moral Stories in Hindi : करवाचौथ बिलकुल नजदीक आ गया था,आयशा कितने दिनों से शॉपिंग कर रही थी उस शुभ दिन के लिए। साड़ी,मैचिंग ब्लाउज,चूड़ियां,नेकलेस,उसी तरह के सैंडल,पैरो के लिए बिछुए,पायजेब,हाथ में डायमंड रिंग, जिद करके ली थी इस बार उसने रीतेश से, हर बार  सोने की रिंग दे देता था,कुछ नया तो हो इस … Read more

* हमारा भी मन दु:खता है * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 68

 दिनेश जी ने कहा-‘तुमने राजू पर चौरी का इल्जाम लगाकर, चांद पर थूकने जैसा काम किया है जानकी! मैं जानता हूँ, राजू बहुत ईमानदार है, मैं कभी कोई भी सामान उससे मंगवाता  हूँ, वह ईमानदारी से बचे हुए सारे पैसे मुझे वापिस कर देता है। वह गरीब है मगर चोर नहीं हो सकता। मेरा मन … Read more

चांद पर थूकना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 80

  अरे आकाश! तुम यह क्या कर रहे हो ?… कहकर स्वाति जोर जोर से चिल्लाने लगी.. अरे अरे भावी! कहते हुए आकाश चुप हो गया… बहू स्वाति की आवाज सुऩकर सास ससुर और स्वाति का पति  दिवाकर कमरे में  दौड़कर आए… देखो माँ जी! आकाश मुझे गलत तरीके से छू रहा था… नहीं भावी! यह … Read more

पापा जी – कविता झा’काव्य ‘अविका” : Moral Stories in Hindi

New Project 94

Moral Stories in Hindi : रसोई घर में रोटी बेलती सारिका की आंँखों से आंँसू लगातार बह रहे थे। संयुक्त परिवार में कहने के लिए सब साथ-साथ रहते थे पर वो तो सिर्फ़ इतना जानती थी कि सब बस हर बात पर उसे और उसके माता-पिता को ज़लील करने की फ़िराक में रहते थे। आज … Read more

पल पल दिल के पास – जयसिंह भारद्वाज

New Project 45

कल्पना काल्पनिक लोक में उड़ रही थी। शीघ्र ही वह कानपुर जैसे महानगर से दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी के लिए उड़ने वाली थी क्योंकि उसके पापा ने उसकी शादी दिल्ली स्थिति एक कम्पनी के युवा इंजीनियर से तय कर दी थी। पारिजात घर का इकलौता बच्चा था। उसके पिताजी भी नहीं थे अब इस दुनिया … Read more

बहू हो तो ऐसी

New Project 95

मम्मी, 4:00 बज गए । आपको कीर्तन में नहीं जाना।” “जाना तो है बहू लेकिन 5:00 बजे तेरे पापा जी चाय पीते हैं। चाय पिलाकर ही चली जाऊंगी।” “मम्मी जी, क्या मुझे चाय बनानी नहीं आती!!” “अरे वह बात नहीं बहू ! अभी तो किचन से निकली है तू! आराम कर। कहां बीच में उठेगी।” … Read more

माँ से मिला संदेश – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

Moral Stories in Hindi : समीर का मन कहीं नहीं लग रहा था। उसे बहुत दु:ख हो रहा था कि उसके पक्के मित्र मोहन ने उसके साथ धोखा किया। मोहन और समीर दोनों एक ही विद्यालय में बारहवीं कक्षा में पढ़ते थे। मोहन की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, उसके ज्यादा दोस्त भी नहीं थे, … Read more

जलालत का दर्द तुम भी तो जानो : Moral Stories in Hindi

New Project 97

Moral Stories in Hindi : स्वप्निल पगफेरे में मायके पहुंची तो सहेलियों ने घेर लिया उसे।पूरा घर उसके आने की खुशी मनाने में लगा था।मां अपने दामाद को देख वारी जा रहीं थीं। स्वप्निल की सारी सहेलियां उसे सुंदर और सुयोग्य जीवनसाथी मिलने की बधाई दे रहीं थीं।तीन दिन मायके में रहकर जब विदाई का … Read more

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