अपराधबोध – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi : भाई, तुमने अपने कदम पीछे क्यूँ खींच लिये थे,तुम तो मुझे बचाने चले थे,फिर क्या हुआ?काश मुझे हॉस्पिटल ही पहुँचा देते।मेरे परिवार का क्या होगा? हड़बड़ा कर रमेश की आँखे खुल गयी।पसीने से तरबतर रमेश असहजता से उठ बैठा।सपने में दिखाई देने वाले व्यक्ति को वह पहचान गया था।उसको डर … Read more