माँ या बदनुमा धब्बा – वीणा सिंह  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : भीखू ईंट भट्ठा के चिमनी पर दिहाड़ी मजदूरी करता था. पत्नी दुलारी दो बेटी शीला और संजू एक बेटा संतोष पांच लोगों का परिवार.. दुलारी घर घर बर्तन साफ करने और झाड़ू पोंछा का काम करती थी.. शीला ग्यारह साल की थी और संजू सात साल की संतोष चार साल … Read more

सम्वेदना : बेटी की माॅ के प्रति – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मीता  तैयार हो ऑफिस के लिए निकल ही रही थी कि तभी पापा विजय जी की आवाज सुनवाई दी ।मीतू इधर आओ  बेटा मुझे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है।  मीतू – पापा अभी मुझे देर हो रही है ऑफिस का समय हो गया है शाम को बात करते हैं।  … Read more

किन्नर की मां – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जिस घर में नेहा और आकाश के होने वाले बच्चे की तैयारी में घर भर में खुशियां मनाई जा रही थी, तैयारियां हो रही थी, हर एक सदस्य इस नए मेहमान के आने का इंतजार बेसब्री से कर रहा था, तो आज बच्चा होने पर ऐसा क्या हुआ कि घर … Read more

सुगना : पूर्णिमा सोनी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुगना, देखो सबके नाश्ता करने के बाद ये( बचा हुआ) नाश्ता मिट्ठू को बुला कर खिला देना…. कहते हुए बड़ी ताई जी निकल गई अरे और कहां, अपने मोहल्ले की सहेलियों के साथ गप – शप करने   बड़ी ठसक थी ताई जी की घर और मोहल्ले सब जगह और हो … Read more

इल्ज़ाम :~ रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका … Read more

रिश्ते, एक मज़ाक

   ” ओह कौन है? मेरी आंखें किसने बंद की हैं? बताओ न? देखो मेरी आंखें दर्द करने लगीं” ” अरे रीता…. तुम कब आईं ससुराल से… बता.. कैसी है    ” ओह कौन है? मेरी आंखें किसने बंद की हैं? बताओ न? देखो मेरी आंखें दर्द करने लगीं” जल्दी बताओ!! ” अरे रीता…. तुम कब आईं … Read more

कलंक – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज नयना जार जार रोए जा रही थी और उस दिन को कोस रही थी जब वह अपनी ननद के घर गई थी ।नन्द के बहू को छः साल बाद बच्चा हुआं था उसका दसटोन का कार्य क्रम था ।बड़ा हंसी खुशी का माहौल था खूब बड़ी पार्टी रखी थी … Read more

आखिर कब तक – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बस बहुत हो गया ,मेरे भी बर्दाश्त की एक सीमा है! तुम सब मेरी अच्छाइयों का नाजायज फायदा उठा रहे हो! मैं भी इंसान हूं कोई मशीन नहीं! मैं भी थक जाती हूं !आखिर कब तक सहन करूं ?आप सभी लोग मुझसे सिर्फ अपने मतलब और स्वार्थ के लिए रिश्ता … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं… : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया … Read more

नया रंग – माता प्रसाद दुबे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : होली का त्यौहार रंगों की तरह ही रंगीला होता है। अपने पराए का कोई भेदभाव नहीं होता है। फिर भी अपनों के बीच होली का आनंद ही अलग होता है। बस की खिड़की के पास बैठा हुआ प्रकाश कुछ ऐसा ही सोच रहा था। बीते वर्ष की होली में वह … Read more

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