पेंशन पार्ट 2 – अरुण कुमार अविनाश
ओल्ड ऐज होम! सुमित्रा देवी विचारों के भंवर में डूब-उबर ही रही थी कि डोर बेल बजी – उठ कर उन्होंने दरवाज़ा खोला – निवेदिता थी। अगले एक घँटे में निवेदिता जल्दी-जल्दी तैयार हुई और स्कूल जाने के लिये घर से बाहर निकल गयी। इस समय सुबह के 09:15 हो रहें थे – निवेदिता … Read more