डाइनिंग टेबल – कंचन श्रीवास्तव

डाइनिंग टेबल पर एक साथ खाना खाने के लिए बैठे सबको  देख रेखा की आंखें झलक आई जिसे सिर्फ सामने बैठे सुनील ने देखा। पर चुप रहे क्योंकि बात सिर्फ उसके और उसके पत्नी के बीच की थी इसलिए सबके जाने और उसके बेड पर आने का इंतजार किया। आते ही एक नज़र उस पर … Read more

कविता की कहानी – भगवती सक्सेना गौड़

“अरे , सुनो कविता, क्या स्वाद है तुम्हारे हाथ के खाने में, सरसों वाली मछली में तो मज़ा ही आ गया, शायद ही कोई फाइव स्टार होटल में ऐसा शेफ होगा जो ऐसी स्वादिष्ट तेज़ डिशेस बनाये।” बोलते बोलते अक्षय रसोई में पहुँचे, “हाथ कहाँ है, तुम्हारे और फिर …….” “उई मा, क्या कर रहे, … Read more

तीसरी बेटी – रीटा मक्कड़

“मम्मी कहाँ हो आप,जल्दी से मुंह मीठा कराओ आज पहला दिन है न मेरे ड्यूटी जॉइन करने का..” जैसे ही अनिता ने अपनी बिटिया के मुँह में दही चीनी डाली उसने अनिता के पांव छू लिए ..साथ ही अपने पापा के भी। “अरे नही बिटिया..हमारे में बेटियां पांव नही छूती.. बस गले लग कर मां … Read more

“मेरा घर” – डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा

New Project 87

#मायका “माँ” बैठक में ही चावल लेकर चुनने के लिए बैठ गई थी। तभी मेन गेट की घंटी बजी। उन्होंने वहीं  से पूछ लिया- कौन है? कोई आवाज नहीं आई। वह सोचने लगी कि  पता नहीं कौन हो सकता है अभी दोपहर के समय। दोनों बाप-बेटे तो घर में ही हैं तो फिर कौन आया? … Read more

मैं मायके चली जाऊँगी – विनोद सिन्हा “सुदामा”

New Project 88

“शांति” मेरी धर्मपत्नी का शुभ नाम.. जाने क्या सूझा या क्या सोच माता पिता ने शांति नाम रखा… शादी के दस साल बाद भी समझ नहीं पाया…रूप एवं स्वभाव से बिल्कुल विपरीत और अलहदा.. वैसे तो मेरी धर्मपत्नी… किसी चंद्रमुखी से कम नहीं..लेकिन न तो कभी चंद्रमुखी दिखी मुझे.. और न ही कभी शांत रहने … Read more

मायका टूरिस्ट प्लेस – उर्मिला प्रसाद

बात उन दिनों की है जब मां गाँव में रहा करती थीं और हम छह महीने बाद- बाद उनसे मिलने जाया करते थे। मां को जब खबर होती थी कि मैं ससुराल से  आने वाली हूँ तो जिस दिन से खबर मिलती उसी दिन से वो हमारी राह देखने लगती थी। किस दिन कौन सा  … Read more

ठंडी छाँव – कमलेश राणा

New Project 89

#मायका  “मायका “शब्द के नाम से ही हर महिला के चेहरे की रौनक ही बदल जाती है।यह वह स्थान है जहाँ जीवन का सब से स्वर्णिम समय गुजरता है।बिल्कुल मस्ती से भरपूर,जिम्मेदारी से मुक्त,सब के स्नेह से सराबोर। शादी के बाद तो इसकी एहमियत और भी बढ़ जाती है।जब भी मायके से बुलावा आता तो … Read more

पिता से मायका सलामत है – संगीता अग्रवाल

New Project 91

#मायका ” बेटा कब तक पहुंच रही है तू ?” तन्वी से उसके पापा महेंद्रनाथ जी ने फोन पर पूछा। ” पापा आधे घंटे में पहुंच जाऊंगी थोड़ा जाम है इसलिए देर हो रही है !” तन्वी बोली। फोन रखकर तन्वी सोचने लगी मां के बिना मायका कैसा होगा। पापा की खुशी के लिए आ … Read more

मां की ममता – सुषमा यादव

New Project 2024 04 29T104436.080

#### मायका, बेटी का टूरिस्ट प्लेस ### ,,भाग, एक,, ,,,,,, शादी होने के साढ़े तीन साल बाद  मैं  पेरिस से अपने मायके म, प्र, के एक शहर आ रही थी,, चूंकि मेरी छोटी बहन दिल्ली में रहती है , इसलिए मैं उसके साथ एयरपोर्ट से सीधे उसके फ्लैट में आ गई,, मुझे अपनी मां के … Read more

अवस्था – विनय कुमार मिश्रा

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माँ जी ने दो दिनों से अनाज नहीं खाया, लिक्विड पर कब तक रहेंगी?” “क्यों?..उनकी पसंद का कुछ..” “सबकुछ पूछा..जिद्द भी किया..पर बच्चे की तरह कर रहीं हैं” मैं कुछ दिनों के लिए ऑफिस टूर पर था, हालांकि जाना ज्यादा जरूरी नहीं था। आते ही नीलिमा ने बताया तो मैं चिंतित हो उठा। बच्चे अपने … Read more

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