तलाक -रिश्ते का अंत,या फिर से शुरुआत (भाग 2)- रचना कंडवाल
वो धीरे से बोला कि सब कुछ तो तुम ले गयी नींद,चैन,खुशी सब कुछ। अच्छा चलती हूं। मयंक ने कहा थोड़ी देर बैठ सकती हो? आस्था उसे देख रही थी,कि जब से वो आयी थी मयंक ने एक बार भी उस से नजरें नहीं हटायी थी। वो बीमार सा लग रहा था वो बैठ गई … Read more