मन का रिश्ता – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 55

आज अभिनव और सोनाक्षी बैठे हुए सोच रहे थे कितना समय निकल गया पूरी जिंदगी अपने परिवार की तरफ ध्यान दिया कभी अपने भाई के कभी बहन के बच्चों के ऊपर पैसा खर्च किया तो कभी उनको पढ़ाया लिखाया लेकिन बस एक ही कमी रही कि उनके कोई बच्चा नहीं हुआ आज अभिनव इंजीनियर पोस्ट … Read more

मन का रिश्ता – डॉ रुपाली गर्ग : Moral Stories in Hindi

New Project 60

चारों तरफ शांति थी बस घड़ी की टिक टिक की आवाज आ रही थी ।हर कोई नेहा  की आंख खुलने का इंतजार कर रहा था । नेहा एक खूबसूरत, हंसमुख, लोगों के दिलों में घर बनाना, सबकी परेशानी को अपना बनाना ,बड़ों के साथ बड़ा और बच्चों के साथ बच्चा बन जाना और न जाने … Read more

सौम्या – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 59

सौम्या– यथा नाम तथा गुण– जैसा उसका नाम था उसका व्यवहार भी वैसा ही सौम्य और शालीन था।वह एक भरे पूरे परिवार से थी ।जहाँ बच्चा बचपन से ही देख देखकर सब बातें सीख जाता है– उसमें व्यावहारिकता आ जाती है– ऐसे ही परिवेश की थी सौम्या।उसका विवाह माधव के संग हुआ। माधव का एक … Read more

मन का रिश्ता – अर्चना कोहली ‘अर्चि : Moral Stories in Hindi

New Project 58

“रोहन बेटा आज तुमने आने में बहुत देर कर दी। सुबह से कितनी बार मैं मैनेजर साहब से तुम्हारे और मानसी बिटिया के बारे में पूछ चुकी हूँ। मुझे तो लगा था, आज तुम नहीं आओगे। मेरे दोनों बेटों की तरह तुमने भी मुझे अकेला छोड़ दिया।” आँखों में आँसू भरकर रमादेवी ने कहा। “ऐसा … Read more

झूठा नाटक – सहदेव सिंह शेखावत : Moral Stories in Hindi

New Project 57

भाई की तबीयत का समाचार पाकर गर्विता परेशान सी हो गई। चाय देने गई तो चेहरा देखते ही सास इस बात को समझ गई कि बहू किसी दुविधा में है। उन्होंने बड़े अपनेपन से पूछा कि क्या बात है। गर्विता ने बता दिया। उन्होंने पूरे अधिकार से कहा कि वह भाई को देखने जाने की … Read more

मौन क्रंदन – भगवती सक्सेना गौड़ : Moral Stories in Hindi

New Project 56

डॉ सुषमा हड़बड़ा कर उठी , देखा कोई जोर जोर से दरवाजा खटखटा रहा है। मन नही कर रहा था, फिर भी उन्हें उठना पड़ा। खोला तो नौकर ने बताया सुबह ही पटियाला से पापा का फ़ोन था, बुलाया है। समझ गए और दोनों डॉ पति पत्नी गाड़ी लेकर निकल पड़े । सुषमा की माँ … Read more

मन से मन का रिश्ता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

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आज सुबह सुबह ही खबर लगी कि पुष्पा भाभी जी नहीं रहीं । नाश्ता बनाने जा रही थी तो सबकुछ छोड़कर बैठ गई । आंखें भर आईं बहुत पुराना रिश्ता था उनसे । नहीं नहीं खून  का नहीं,अपनों का नहीं , रिश्तेदारी का नहीं ,मन से मन का रिश्ता ।और शायद इससे बड़ा कोई रिश्ता … Read more

दिल का रिश्ता – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

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तुम क्यों भाई साहब के पास बैठी रहती हो ?  शायद माँ को अच्छा नहीं लगता, आज फिर से तुम्हें समझाने के लिए कह रही थी ।  मैंने ऐसी कौन सी गलती कर दी जिसमें समझाने की ज़रूरत पड़ गई ? अरे , दोपहर को खाना खाने के बाद भाई साहब लॉन में बैठते हैं … Read more

शक का शिकार वही क्यों बनती है….. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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तनु को तुरंत अस्पताल में एडमिट कराया गया। बाहर तनु का पति विशाल और सास रेवती -ससुर मनोहर जी चिंतामग्न बैठे थे। रेवती जी मन ही मन ईश्वर से मना रही थी तनु ठीक हो, ज्यादा ना जली हो।तनु के मायके खबर दे दी गई थी। बहू के जलने का मामला था। थोड़ी देर में … Read more

माँ जी, क्या ससुर जी को भी आपने पाल पोसकर बड़ा किया है?? – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

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कोमल शुरू से ही संयुक्त परिवार में रहती आई थी और चाहती थी कि उसे ससुराल भी ऐसा ही मिले । जब उसके लिए रमन का रिश्ता आया तो उसके परिवार के बारे में सुनकर कोमल खुश थी ।कोमल को उसकी इच्छा अनुसार भरा पुरा ससुराल मिला था । ससुराल में सास तनुजा जी, ससुर … Read more

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