गुबार – अर्चना सक्सेना  : hindi stories with moral

New Project 99

hindi stories with moral :  दरवाजे की घंटी बजी तो सुरेंद्र ने दरवाजा खोला, सामने उनके घनिष्ठ मित्र श्यामसुंदर खड़े थे। श्यामसुंदर बहुत परेशान लग रहे थे। आँसू आँखों से निकलकर बहने को तैयार थे परंतु शायद वह उन्हें जबरन रोककर रखे थे क्योंकि समाज में धारणा है कि पुरुषों का रोना कमजोरी की निशानी … Read more

एक बार फिर (भाग 39 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया और शेखर की शादी के बाद अगले दिन बहुत खुशी का माहौल होता है। शेखर के पापा कंस्ट्रक्शन बिजनेस में पहली बार कदम रखते हैं डील फाइनल होती है। डिनर के बाद सभी आपस में बात करते हैं और शादी के फंक्शन के बारे में डिसाइड करते हैं कि तभी किसी अननोन नंबर से … Read more

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर – संध्या त्रिपाठी  : hindi stories with moral

New Project 68

hindi stories with moral :  शुभ्रा दीदी …एक बात पूछूं ..? सच-सच बताइएगा…. पहले वादा करिए …आप झूठ तो नहीं बोलेंगी ना…. अरे नहीं प्रभा …तू तो मेरी छोटी बहन है तुझसे क्यों झूठ बोलने लगी भला…. कपड़े समेटते हुए बड़ी सहजता से शुभ्रा ने जवाब दिया….            तो बताइए आपकी शादी ना करने के निर्णय … Read more

घर- गीता चौबे गूँज : hindi stories with moral

hindi stories with moral : माँ की मृत्यु के 4 वर्षों के बाद आज रमेश गाँव जा रहा था। ट्रेन के चलते ही उसकी यादों का कारवां भी चल पड़ा…       आँगन में बिछी खाट पर लेटी बीमार माँ के आखिरी शब्द उसके कानों में गूँज रहे थे – “दोनों बहुएँ इतनी लड़ती हैं कि मुझे … Read more

अपना घर- शिव कुमारी शुक्ला  : hindi stories with moral

New Project 43

hindi stories with moral : अरुण जी और सोनाली जी अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ सुखी थे। परेशानी थी तो एक की उनका  अपना घर  नहीं था किराये के मकान में दो कमरे किचन में नीचे रहते थे ।ऊपर वाले पोर्शन में मकान मालिक खुद रहते थे। वे छोटी  -छोटी बातों पर उन्हें टोकते … Read more

कहाँ है मेरा घर – कामिनी मिश्रा कनक : hindi stories with moral

New Project 83

hindi stories with moral : वृद्धाश्रम कि सीढ़ी पर बैठी 65, 66 बर्षिय गिरजा जी  आँखों में आज भी किसी का इंतज़ार लेकर हाथों में एक तस्वीर लेकर ,जिसे बार बार देखती रहती है  ……मानो वो उस तस्वीर से कुछ कह रही है …….  मैं बहुत  कोशिश करता हूँ , कि  उनके दर्द को बाँट … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 17) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“चाय कैसी बनी थी माॅं।” अंजना चाय का खाली प्याला ट्रे में रख रही थी तो विनया अंजना की ओर देखती हुई पूछती है। “अच्छी बनी थी, वैसे कैसे कर लेती हो ये सब।” अंजना के आवाज में फिर से तल्खी उभर आई थी। “क्या माॅं?” विनया के चेहरे पर असमंजस का भाव आ गया … Read more

अब कैसी शिकायत? – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : ” बहू,  आज कहाँ जा रही हो ?? “ ” माँ जी, वो मुझे कुछ सामान लेना था इसलिए मार्केट जा रही हूँ। ” बोलकर रूही गाड़ी की चाबी घुमाते हुए घर से निकल गई।    वंदना जी मुंह देखती रह गई और पीछे से बड़बड़ाते हुए बोलीं, ” हुंह… ये … Read more

अब से बहू की शिकायत ना बाबा ना…- रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 38

Moral Stories in Hindi : आज सुबह से मानसी का मन कर रहा था माँ से बात कर लूँ….. कब से कह रही थी पोते पोती से मिलने का मन कर रहा है..इतने दिनों बाद भाई भाभी के पास गई है तो मैं भी हर दिन फ़ोन नहीं करना चाहती ….पता नहीं भाभी ये ना … Read more

कुछ लोगों की आदत नहीं होती शिकायत करने की! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

New Project 35

Moral Stories in Hindi : आज सुबह से ही घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। माला की तबीयत कुछ ठीक नहीं है तो वह बिस्तर पर ही है। अरे ना! ना! अपनी मर्ज़ी से नहीं वो तो माला के पति सुबोध ने जब उसकी हालत खराब देखी तो उठने ही नहीं दिया। माला तो उठ … Read more

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