सतरंगी सपने –  वीणा

 जिज्जी…ई कऊन नौकरी है जे मे सफेद साड़ी पहन के जाते हैं , एकदम्मे न अच्छा लगता है ई रंग..रंग होना चाहिए.. लाल , पीला , हरा , सतरंगी जे पहनो तो मन खिल जाय । ई का कि सुबह सुबह ही सफेद कपड़ा पहन के मन उदास कर लिए । सच कहती हूँ जिज्जी..हम … Read more

घुटन – नीलिमा सिंघल

निलांशा अनमने मन से काम किए जा रही थी जितनी तेजी से हाथ चल रहे थे उससे चौगुनी तेजी से दिमाग 5 साल हो गये विहान की पत्नि बने पर कुछ ऐसा हुआ ही नहीं कभी जब लगा हो विहान और उसका घर निलांशा का भी हो, माँ पापा की सहमति से निलांशा विहान की … Read more

कर्तब्य –अरुण कुमार अविनाश

” चेत सिंह।” इंस्पेक्टर साहब ने आवाज़ दी तो मैं चिक उठा कर अंदर आया। इंस्पेक्टर साहब ने खाना खा लिया था और अब वे हाथ धोकर हाथ-मुँह पोछ रहें थे – मुझें देखते ही उन्होंने टेबल पर पड़े टिफिन बॉक्स की ओर इशारा किया – ” बचा खाना काली को दे देना और ध्यान … Read more

नकुशा से आशा – सरला मेहता

” आशा बेटी ! प्रसाद बन गया हो तो आ जाओ। हम आरती कर लेते हैं। ” दादी ने पूजा घर से पुकारा। एक दादी ही तो  है जो माँ के गुज़रने के बाद उसका ध्यान रखती है। विमाता बिंदु के आने से आशा की खुशियों को मानो ग्रहण ही लग गया। उसने आशा को … Read more

पति के नाम एक पाती – सरला मेहता

सुनो जी, प्यार भरी लंबी उम्र,,, और क्या लिखूं,प्रिये प्रियतम  के नाम से कभी पुकारा ही नहीं। हाँ, पाँती लिखने ही बैठी तो आज सारी दिल की बातें लिख ही दूँगी। आप बहुत अच्छे हैं,अरे यह ‘आप’ संबोधन तो मेरे लिए दीवार ही बन गया है। आज तो मैं ‘तुम’ ही लिखूंगी,चाहो तो बुरा मान … Read more

मायका – भगवती सक्सेना गौड़

माँ तो सबकी प्यारी ही होती है, पर निर्मल को अपनी मां दुनिया की सबसे खूबसूरत , होशियार और प्यार की मूरत लगती थी। माँ के साथ लाड़ प्यार के दिन का कोटा पूरा करके ससुराल आ गयी थी, वो भी अब उस रूप को अपनी आत्मा में सहेजकर बेटियों पर लुटाने लगी थी। फिर … Read more

अनजानी धारणा – भगवती सक्सेना गौड़

सोसाइटी के एक फ्लैट में वर्मा जी साल भर से रहते थे। दोनो पति पत्नी की आदत थी, रात नौ बजे डिनर करके, दस बजे तक वो लोग बिस्तर पर आ जाते थे। सारे दोस्तो, रिश्तेदारों को पता था, उनके दरवाजे पर नौ बजे लॉक लग जायेगा। कई बार मज़ाक में कहते थे, “हम खाना … Read more

हास्य व्यंग्य – भगवती सक्सेना गौड़

सुगंधा की शादी को पंद्रह दिन हुए थे, आज जरा फुरसत से आराम कर रही थी। प्रसिद्ध इंटीरियर डेकोरेटर थी, एक महीने की उसने शादी के लिए छुटियाँ ली थी। उसका बाबू, सोनू पति सुगंध आज आफिस गए थे। दिमाग की खोजी प्रकृति ने सिर उठाया, सुगंधा अपने विचारों में खो गयी। अरे मैने सात … Read more

कमेंट ” – *मधु मिश्रा,ओडिशा

निर्मला के युवा संगिनी ग्रुप की महिलाओं ने आज बसंत पंचमी के लिए सभी महिला मित्रों को पीले श्रृंगार में बुलाया था l ग्रुप में हर वर्ष जो महिला सबसे सुन्दर लगती.. उसे *बसंत बहार*की टाइटिल दी जाती थी l                इस कार्यक्रम में जाने के लिए निर्मला ने भी हल्की पीले रंग की साड़ी पहनी … Read more

आखिर करती क्या हो?” – अनुज सारस्वत

#बैरी पिया “मैंने जो व्हाट्सएप किया था सामान ले आए ना आप “ पूनम ने अपने पतिदेव अमन को कहा “अरे भूल गया ” अमन बोला “बस भूल जाओ आज तीसरी बार भूले हो ,बाकी सारे काम आपको याद रहते हैं मैं जो कह दो वह भूल जाओ” और इसके साथ ही 3 साल लंबी … Read more

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