नई सुबह नई राह -अंशु श्री सक्सेना
महक को आज की रात कितनी लम्बी लग रही थी। नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी । वह यही सोच रही थी कि पुनीत से विवाह कर के उसने कितनी बड़ी ग़लती की है । उसने करवट ले कर पलंग के दूसरे कोने में सो रहे पुनीत को देखा ।वह सोचने लगी , उसके … Read more