गर्दन ऐंठी रहना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

प्राचीनकाल  में  घने जंगल में एक कुआँ था।उसमें बहुत सारे मेंढ़क अपने-अपने परिवार के साथ रहते थे।बस कुआँ भर ही उनकी दुनियाँ थी।उनमें से एक मेढ़क काफी मोटा-ताजा था।साथ में उसकी पत्नी और तीन बच्चे भी थे।कुआँ के सभी मेंढ़कों से मोटा होने के कारण वह मेंढ़क खुद को दुनियाँ का सबसे शक्तिशाली जीव समझता … Read more

सबका समय आता है.. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“अजी सच में गौरव भैया का प्रमोशन हो गया… कल तक तुम्हारे बराबर थे आज देखो तुम्हारे बॉस बन कर आए हैं…पहले भी ऐसालगता था मानो कितने बड़े ओहदे पर हो हमेशा गर्दन ऐंठी रखते थे ….अब तो वो क्या उसकी बीबी तनु भी गर्दन ऐंठ कर रहेगी।” निशिताने पति रितेश से कहा  “ हाँ … Read more

नाम डुबोना – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

जोया और अर्सलान के निकाह को हुए कुछ ही समय हुआ था । लेकिन अर्सलान का देर से आना ,जोया को समय ना देना । ये सब बाते जोया को मजीद तकलीफ़ देने लगी । एक दिन जोया ने पूछ ही लिया । क्या बात हैं अर्सलान ?? तुम मुझसे इतने खिचे-खिचे क्यों रहते हो … Read more

* बुढ़ापे में मिला झटका * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  सेठ ताराचंद किराना के व्यापारी थे। छोटा सा गाँव था,और छोटी सी दुकान थी उनकी। ईमानदारी से दुकान चलाते थे और इज्जत से रहते थे। तीन बेटे थे उनके, दुलीचंद,माखन और सेवा राम। गाँव में सिर्फ आठवीं तक का स्कूल था, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता था। दुलीचंद और माखन ने आठवीं … Read more

नाम डुबोना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

सुना आपने, आपकी बड़ी बहुरिया क्या गुल खिला रही है आजकल। इस कुलक्षिनी ने तो हमारा नाम डुबोने की कसम ले रखी है….. ललिता अपने पति सोमेश जी से बोल रही थी। क्यों अब क्या कर दिया उस बेचारी ने…तुम्ही तो उसका जीना हराम किये देती हो। बड़ी दीदी ने आज छोटे तालाब के पास … Read more

दर्द का एहसास – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

” तुमने मेरी नाक कटवा कर रख दी। इज़्ज़त मिट्टी में मिलाकर रख दी। बस यही दिन देखना रह गया था। तुम्हें शर्म नहीं आई, यह सब करते हुए। अपने माता-पिता के अरमानों पर पानी फेर दिया। मेरा नाम डुबोकर तुम्हें चैन मिल गया होगा।” पिता जी गुस्से में संजीव को बोल रहे थे।     पर … Read more

बदलाव – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मिल गई फुर्सत घर आने की, अरे घर में है कौन तुम्हारे लिए, बाहर जाओ घूमो फिरों मटरगश्ती करो और हां …मैंने खिचड़ी बनाकर रख दी है गर्म करके खा लेना और सारे बर्तन और रसोई को साफ कर देना, मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर जा रही हूं। सुनो ना.. टीना, आज मेरा एक … Read more

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