मतलबी रिश्ते – डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुबह-सुबह विपिन जी की मृत्यु का समाचार  मिला।विपिनजी की मृत्यु कोई आश्चर्यजनक बात नहीं थी।मृत्यु तो शाश्वत सत्य है,परन्तु जिन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई, उसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब माता-पिता के साथ बच्चों के भी रिश्ते मतलबी भर रह गए हैं! विपिन जी को दो बेटियाँ … Read more

अंतिम प्रणाम – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

विद्या जी सूनी आंखों से सबको देख रही थी। आज उनके  पति सीताराम जी की तेरहवीं थी। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए थे। अपने बनाए बड़े से आवास में रहते थे।  लंबे समय से सेवानिवृत्त ही थे।  यूं तो कहने को उसी घर में उनके बेटा बहू,पोता पोती भी रहते थे।  मगर ऐसे कि हर … Read more

मतलब के यार – स्नेह ज्योति: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बचपन की दोस्ती ताउम्र के लिए होती हैं ऐसा मैंने बहुत सुना था । कर्ण और मैं रमन हम दोनों बचपन से एक साथ पढ़े और बड़े हुए । कहने को करण अमीर ख़ानदान का बेटा था और मैं एक मामूली से टैक्सी ड्राइवर का बेटा था । लेकिन मैं … Read more

दीदी यह सब हमने आपसे ही सीखा है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “भाभी आजकल तो आप मेरा फोन भी नहीं उठाती पता है मैं अपने बेटे के कैरियर के लिए कितना परेशान हूं उसे अपना बिजनेस करने के लिए कुछ पैसों की जरूरत है और आप हैं कि आपके पास फोन उठाने की फुर्सत भी नहीं है” वंदना जो कुछ देर पहले … Read more

खूनी रिश्ते – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “यह दुनिया है माया का फेरा…यहां न सुबहा ना शाम का डेरा…!” अंजली अपनी आँखों में आँसू लिए बैठी खुद को कोस रही थी। कितनी बेरहम है दुनिया…कोई किसी का नहीं होता…!. अब क्या करे वह  ..किसी को बताएगी तो कोई यकीन भी नहीं करेगा…फिर बेवकूफी भी तो उसी ने … Read more

जाल – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : महेश जी  जब इस शहर आये, अक्सर उदास रहते थे, परिवार बाद में आया क्योंकि बच्चों की पढ़ाई का सत्र पूरा कराना था।बैंक की नौकरी होने से, उनका जल्दी -जल्दी ट्रांसफर होता था, पिछले शहर में उनका मन अच्छे से लग गया था। तभी इस शहर में ट्रांसफर हो गया। … Read more

बदलते रिश्ते – मेघा मालवीय : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मुस्कान के पिता जी 4 भाई थे। मुस्कान के पिता जी दूसरे  नम्बर के थे। सब आपसी सहमति से   छोटे भाई के विवाह के दो साल बाद अलग-अलग  हो गए थे। दो भाई शहर  में बस गए और दो भाई  खेतीबाड़ी देखने के लिये गाँव में ही बस गए … Read more

फ़र्क – अविनाश स आठल्ये : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शाम के साढ़े सात बजे के तकरीबन वक़्त हुआ होगा, सूरज के धुँधलके को हटाकर अंधेरे ने अपनी चादर ओढ़ना प्रारंभ कर दिया था।मुज़फ्फरपुर में कपड़ों के लिये प्रसिद्ध “हीरा मार्केट” में रंजना आज राखी की खरीदारी के लिए नये कपड़े लेने निकली थी । बढ़ते हुये अंधेरे की वजह … Read more

भड़ास – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शाम की चाय का ही असली मजा आता है.. जब सारा परिवार एक साथ बैठकर हम लोग चाय पीते हैं , सुनीता ने चाय का कप उठाते हुए कहा । बहु प्रणवी ने भी समर्थन में सिर हिलाते हुए कहा , सच में मम्मी जी सब दिन भर की आपस … Read more

मतलबी काकी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” चलो.. अब राहत मिली।काकी चली गईं..बड़ी शांति है।इतने दिनों तक तो…ओफ़्फ! अच्छा जिया बेटा…ज़रा उनके कमरे में जाकर देख आओ…कुछ छूट तो नहीं गया है।” सोफ़े पर बैठते हुए अविनाश ने एक ठंडी साँस भरी और अखबार के पन्ने पलटने लगा     ” जी..पापा ” कहकर जिया गेस्ट रूम की ओर … Read more

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