बहुरिया- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi
Moral stories in hindi: का हो ज़िज्जी. … समय रहते बहुरिया की इज्जत की नहीं … कोई कद्र ना की तुमने… अब क्यूँ आठ आठ आंसू बहा रही हो…. राखी ,, मेरी बहुरिया बहुत अच्छी थी … कितनी सेवा करती थी इनकी…. इनका पेशाब , मल सब बिस्तर पर साफ करती… आज तक नाक मुंह … Read more