बहु संस्कारी ही क्यों चाहिए? – मुकेश पटेल
“अरे क्या बताऊं तुम्हें बेटा हमारी तो जिंदगी जैसे-तैसे चल रही है| बहुओं के ऊपर बोझ बनकर रह गए हैं |बहुए भी जब मर्जी आती है खाना देकर चली जाती है वरना हमारे कमरे में कोई झांकने वाला भी नहीं|” सुषमा जी अपनी बेटी रिंकी को यह सारी बातें बता रही थी रिंकी भी मिर्च … Read more