बीमार हूँ लाचार नहीं-मुकेश कुमार

प्रताप जी का दिल्ली में शर्ट की अपनी खुद की फैक्ट्री थी। गांधीनगर के होलसेल बाजार में उनकी खुद की अपनी दुकान भी थी उनके तीनों बेटे मिलकर दुकान को संभालते थे।  प्रताप जी पैसे की कमी की वजह से स्वयं तो पढ़ाई नहीं कर पाए थे क्योंकि वह खुद एक गरीब परिवार से आते … Read more

पलकों की छांव में

साहिल बंगलोर की कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था छोटा सा परिवार था पत्नी, एक बेटा,एक बेटी  और उसके पापा, मां बचपन में ही गुजर गई थी एक बहन थी तो वह शादीशुदा थी।   साहिल के पापा स्कूल शिक्षक थे जब तक नौकरी में थे तब तक तो वह गांव में ही रहते थे … Read more

सौतेली सही पर सगी बहन से कम नहीं हूँ-मुकेश कुमार

निशा अपनी बड़ी बहन गीता से कह रही थी “दीदी जल्दी से ब्यूटी  पार्लर चलो लड़के वालो ने 4:00 बजे तक टाइम दिया है घर पर तुम्हें देखने आने के लिए फिर पार्लर में भी तो टाइम लगता है.”  दरअसल बात यह है कि आज गीता को लड़के वाले देखने आ रहे थे गीता और … Read more

माँ अब मैं पराई नहीं होना चाहती – मुकेश पटेल

सीमा जी के बड़े बेटे सुमित की शादी 10 दिसंबर को थी और आज 8 दिसंबर हो चुका था बस शादी में सिर्फ 2 दिन ही बचे थे, मेहमानों का घर में आना शुरू हो चुका था।  वैसे तो यह शादी लव मैरिज थी, लेकिन इस शादी में दोनों के घरवालों की रजामंदी भी थी। … Read more

सास घर की नौकरानी नहीं हैं

शालिनी  मां बनने वाली थी। आठवां महीना चल रहा था।  इस वजह से अपने मायके चली आई थी, धीरे धीरे डिलीवरी का डेट  नजदीक आ गया और वह पास के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो गई। शालिनी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। घर में सब बहुत खुश हुए घर आते ही एक … Read more

सास बिना ससुराल अधूरा-प्रिंयंका पटेल

बेटी को कॉलेज जाते ही माधुरी जी ने अपने सेवानिवृत्त पति विनोद जी को अपने पास बुलाई और बोली दिनभर पेपर पढ़ते रहते हो कभी बेटी के बारे में भी सोचा है।  उसकी शादी कब होगी विनोद जी ने हंसते मुस्कुराते हुए बोले हो जाएगी भाग्यवान इतनी भी क्या जल्दी है, अभी हमारी बेटी की … Read more

पिया का घर प्यारा लगे

रामचंद्र जी की तीन पुत्रियों में मंजू सबसे छोटी थी।  उन्होंने अपने दो पुत्रियों की शादी बहुत पहले ही कर दी थी। रामचंद्र जी की कमाई भी इतनी ज्यादा नहीं था कि वह अपने लड़कियों की शादी बहुत बड़े घर में कर सकते थे। अपनी दोनों बड़ी बेटियों की शादी भी साधारण घर में ही … Read more

बहू नहीं बेटी हूँ मै

सलोनी ब्याह करके  अपनी ससुराल पहुंच गई थी.  ससुराल पहुंचते ही अपने मां के दिए हुए संस्कारों के अनुरूप घर के सारे लोगों के छोटे बड़े सारे काम करके उनके दिल में जगह बनाने में जुट गई थी उसकी मां का कहना था कि अगर तुम्हें अपने ससुराल में एक अच्छी बहू बनना है तो … Read more

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