कुछ ख्वाब अधूरे से – रीटा मक्कड़

New Project 56

अपने दौर की हर लड़की की तरह मैंने भी बहुत से सपने, बहुत से ख्वाब खुली आँखों से देखे थे…जो बस ख्वाब ही रहे उनको पंख कभी नही मिले। उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी लगता है ..मन का एक कोना अभी भी खाली है..कुछ है जो अधूरा रह गया है..कुछ है जो छूट … Read more

 तमन्ना – रणजीत सिंह भाटिया

New Project 43

#चित्रकथा धनीराम जो शहर के बहुत बड़े व्यापारी थे अपने कुछ साथियों के साथ वापस अपने घर लौट रहे थे, रात बहुत अंधेरी थी, करीबन आधी रात होगी, एक घने जंगल से गुजरते हुए अचानक उनकी कार खराब हो गई ड्राइवर कोशिश कर रहा था पर उसे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था l … Read more

चित्कार – डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा

New Project 42

#चित्रकथा लगभग ढाई साल बाद मैं अपने गांव गई थी। माँ के गुजरने के बाद जैसे हमारा जहान ही लुट गया था। कभी इच्छा ही नहीं होती थी वहां जाने की। इस बार गर्मी की छुट्टियों में छोटे भाई और बच्चों की जिद की वज़ह से मैं अपने गांव गई। बच्चे बहुत खुश थे। भाई-भाभी … Read more

राय साहब – अरुण कुमार अविनाश

New Project 41

” राय साहब —— राय साहब — ।”– मैंने उच्च स्वर में पुकारा। राय साहब ने मेरी आवाज सुन ली थी। वे ठिठके फिर मेरी ओर देख कर उन्होंने मुझें अपनी ओर आने का इशारा किया। इस समय पार्क में मैं रोज़ की तरह वाकिंग और शारीरिक व्ययाम के लिये गया हुआ था। राय साहब … Read more

पश्चाताप – अनामिका मिश्रा

आज प्रशांत ने अपने बेटे से कहा, “चल बेटा जरा घूम कर आते हैं, तेरी छुट्टी भी है, और मुझे भी कुछ काम है!” प्रशांत बेटे को लेकर घूमने निकला। रास्ते में ट्रैफिक जाम लगा हुआ था। तभी एक औरत पास आकर पैसे मांगने लगे। प्रशांत ने अनदेखा किया और ट्रैफिक अभी खुली भी नहीं … Read more

“सुखद चीख” – ऋतु अग्रवाल

New Project 40

विधा : नाटक  #चित्रकथा परिमिता: रोहन! उठो!आह!आह! रोहन: सोने दो ना! नींद आ रही है बहुत। परिमिता:रोहन उठो भी! मुझे बहुत तकलीफ हो रही है। रोहन: अरे यार सो जाओ। ऐसे में थोड़ी बहुत तकलीफ तो होती ही है। परिमिता लेटने का उपक्रम करती है पर पीड़ा की वजह से उसे नींद नहीं आती। वह … Read more

वारिस – प्रीती सक्सेना

New Project 39

  ये एक सत्य कथा है,, जिसे मैं प्रीती सक्सेना आपके सामने एक कहानी के रुप में ,, प्रस्तुत कर, रही हूं,,  जया,,, स्कूल में टीचर है,, पिता भी टीचर हैं,,, एक भाई एक बहन हैं,,, साधारण सा ,,,पर प्यारा जीवन ,,, खुशहाल परिवार,,     शादी की उम्र होने पर पिता ने घर वर देखना शुरु किया,,, … Read more

इन हैवानों से खुद को भी बचाईये,,, – सुषमा यादव

New Project 38

,,आज का समय बहुत ही ख़राब है,, मासूम बच्चियों से लेकर उम्र दराज महिलाएं तक हैवानियत का शिकार हो रही हैं,,,, यहां तक कि लड़कों को भी लोग नहीं छोड़ रहे हैं,,हम सब आये दिन इन नापाक घटनाओं से अवगत हो रहें हैं,,, ऐसा नहीं है कि हम सबके जमाने में ऐसी ओछी हरकतें नहीं … Read more

पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय – -पूनम वर्मा

नितिन बाबू शाम के समय दरवाजे पर बैठे चाय पी रहे थे तो देखा उनके बड़े भैया विपिन बाबू और भाभी रिक्शा से चले आ रहे हैं । अचानक इस तरह उनके गाँव आने से नितिन बाबू अचंभित थे । उन्होंमे उठकर स्वागत किया और हालचाल पूछने लगे । उनकी हालत दयनीय लग रही थी … Read more

परछाई – पुष्पा पाण्डेय

New Project 34

बचपन से परछाई से डरने वाली कांता ने आज अपनी  परछाई को ही अपना हमराज बना लिया। प्रन्द्रह साल बाद जेल में बीताने के बाद कांता जब घर लौटी तो सभी अपरिचित ही लगे। भाई जेल से लेकर आया तो भाभी को पसंद नहीं आया। ” अरे! इन्हें इनके ससुराल में छोड़ना था न। इतना … Read more

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