पापा आप बहुत याद आते हो – अर्चना गुप्ता

जिनका हाथ पकड़ कर नींद आती थी , सोचा ना था की हालात ऐसे होंगे …..कि आख़िरी बार उनका हाथ भी ना पकड़ पाऊँगी ….. अपने जीवन में ये शर्मिंदगी मुझे हमेशा महसूस होगी…,..काश जब मैं छोटी थी तो अपने पापा से अक्सर कहा करती थी “पापा मैं थक गयी मुझे गोदी उठा लो ना … Read more

“गुस्सैल पापा” – गरिमा जैन

New Project 59

#पितृदिवस दरवाजे पर कॉल बेल बजती  है मम्मी : देखो बेटा पापा आ गए, दरवाजा खोलो । बेटा : जी मम्मी । पापा : इतनी गर्मी है, कितनी देर लगती है दरवाजा खोलने में! जा पानी लेकर आ । बेटा : मम्मी ,पापा पानी मांग रहे हैं, आप दे दो, मैं दूसरे रूम में जा … Read more

चिठ्ठी ना कोई संदेश – गुरविन्दर टूटेजा

#मन के भाव  नीतू का जन्मदिन था आज खुशी से फूली नही समा रही थी..सुबह से तैयारी में लग गयी थी सबको बुलाने गयी..स्कूल में टॉफ़ियाँ बाँटी..और फिर मम्मी के पीछे लग गयी कि क्या-क्या बनाओगे….केक कौन लायेगा पापा तो बुआ के घर गये थे..तो मम्मी ने कहा ताऊजी केक ले आयेंगे..वो तो ठीक है … Read more

मेरा बैकुंठ गमन – अनुज सारस्वत

आयु 70 वर्ष की हो चुकी थी मैं अपने कंप्यूटर बैठे काम कर रहा था अपने सीक्रेट प्रोजेक्ट पर ,पीछे से धर्म पत्नी ने आवाज लगाई “अरे कहां हो फिर बैठ गए कंप्यूटर पर आपको चैन नहीं है इस उम्र में भी साॅफ्टवेयर इंजीनियर का कीड़ा अब भी है आपके अंदर ,कितने सॉफ्टवेयर बनाओगे और … Read more

बुरे फंसे – प्रीती सक्सेना

बात बहुत पुरानी है,  san 84 की , हम नई नई शादी के बाद इन्दौर, पतिदेव की पोस्टिंग पर आए, कुछ दिन तो घर जमाने में लग गए,आखिर नई गृहस्थी, नया नया सामान, एक अलग सा अनुभव, घर की मालकिन होने का गर्व, कुछ ज्यादा ही समझदारी का गुरुर सा होने लगा हमें।   अब पतिदेव … Read more

 दावानल – राहुल वालिया

New Project 60

दोपहर: लंबी उड़ान के पश्चात केचन कौए ने तनिक विश्राम करने की सोची। घने बरगद के पेड़ का कोई विकल्प न दिखा तो उसकी मोटी टहनी को क्षणिक आश्रय बना लिया। चोंच में दबाये रोटी के टुकड़े को पंजे से जकड़ा और आँखें मूंदने का प्रयास करने लगा। तभी एक चिर-परिचित गंध ने सुषुप्त केचन … Read more

डायन –  मुकुन्द लाल

वृद्धा शनिचरी जंगलों से घिरे एक गांव में रहती थी। उसका निवास मिट्टी के बने हुए एक छोटे से घर में था। उसको अक्सर लोग डायन कहकर ही पुकारते थे।  वह जब भी गांव में निकलती लोग अपने घरों के दरवाजों और खिड़कियों को फटाफट बंद कर देते थे। गली में खेल रहे बच्चों को … Read more

अक्सर होता वही है, जो ईश्वर चाहता हैं!! – मनीषा भरतीया

New Project 55

आज सुबह से ही शीला बहुत खुश थी क्योंकि पूरे 2 साल बाद उसके पति पंकज घूमने जाने का प्रोग्राम बना रहे थे….. आज से पूरे 2 महीने बाद जाने का प्रोग्राम तय हुआ था पंकज ने कहा था कि वह आज शाम ऑफिस से आकर  फ्लाइट की टिकट और होटल बुकिंग करेगा और साथ … Read more

माँ अब काम आपकी बहू ही आएगी!!  – मनीषा भरतीया

New Project 50

ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन फोन की घंटी बजी करीब सुबह के 9:30 बज रहे थे….. और रेशमा किचन में काम कर रही थी…. उसके हाथ आटे में सने हुए थे क्योंकि उसे उसके पति (रवि) को टिफिन जो देना था…. सुबह-सुबह सभी गृहणी की तरह वह भी बहुत व्यस्त रहती थी….. फिर वह आटे में … Read more

बाबुल बादल प्रेम का हम पर बरसा आई – लतिका श्रीवास्तव

New Project 49

#पितृ दिवस पर मन के भाव इस बार कोई कहानी नहीं सीधे सीधे शब्दों में अपने श्रद्धेय पिता के बारे में अपने मन के ही भाव व्यक्त करने की कोशिश कर रही हूं मेरे पापा मम्मी उस विशाल वट वृक्ष की भांति हैं जिनकी अविरल अगाध स्नेहिल शीतल छाया और सुदृढ़ आधार ने हम सबको … Read more

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