रविवार – शालिनी दीक्षित

प्रिया सुबह से ही कुछ हल्का-हल्का और खुशनुमा महसूस कर रही है क्योंकि कल संडे है दो दिन पहले से ही उंगलियों पर गिन रही थी कि शुक्रवार, शनिवार फिर आ जाएगा इतवार । बचपन में या फिर स्कूल कॉलेज के समय में भी उसको रविवार के आने से ज्यादा खुशी नहीं होती थी। उसे … Read more

धर्म और मजाक, – गोविन्द गुप्ता

New Project 43

रितु की नई शादी हुई थी अपने पापा की एकलौती संतान थी तो नखरीली ज्यादा थी , ससुराल में सास और ससुर धार्मिक प्रवत्ति के थे, शादी के बाद जब पहली बार घूमने की बात आई तो ससुर ने कश्मीर या हिमांचल जाने कहा, तो रितु बोल पड़ी हम तो वहाँ हर जगह घूम चुके … Read more

अवसाद से वरदान तक – ज्योति अप्रतिम

सुनीता की जिंदगी दुखों से भर गई थी, दिशाहीन हो गई थी।आखिर वह क्या करे ?कहाँ जाए अपनी छोटी बच्ची को लेकर? आखिर क्या सोच कर पति ने खुदकुशी की ? मैं तो कारण थी ही नहीं ! किसी भी हालत  में।फिर ऐसा ग़लत कदम क्यों उठाया होगा। यही सोचते हुए उसका जीवन अब अवसाद … Read more

कुछ ना कहो – डा.मधु आंधीवाल

सुगुनी का विवाह अपने से बड़ी उम्र के आदमी किशना से हो गया था । किशना अच्छा पैसे वाला शख्स था  । उसका बहुत पैसा सुगुनी के बाप राम चन्द्र  पर उधार था । राम चन्द्र कैसे भी उस पैसे को नहीं चुका पा रहा था ।  किशना की पहली बीबी चार बच्चों को छोड़ … Read more

सफरी –   अरुण कुमार अविनाश

New Project 42

हम व्ययाम कर ही रहें थे कि राय साहब का मोबाइल गुनगुनाया। एक बार तो उन्होंने फोन को इग्नोर किया –  आधे मिनट के बाद , जब दोबारा मोबाइल गुनगुनाने लगा तो राय साहब फोन की उपेक्षा न कर सकें। स्टेशन इंचार्ज होने के नाते उन्हें कभी भी – किसी का भी फोन आ सकता … Read more

पुनर्मिलन – प्रीती सक्सेना

New Project 41

      आज ऑफिस का पहला दिन ,, कॉलेज खत्म होने के बाद,,, बहुत ही रोमांचक और उत्तेजना से भरपूर ,महसूस कर रही थी जिया,, नया शहर,,, नए लोग,, नया माहौल,,, फिर भी अपने हिसाब से अपने को,,, प्रेजेंटेबल,, करके ऑफिस आई थी। जिया ।      कुछ और भी न्यू ज्वाइनिंग थी,,, परिचय हुआ,,, और सब अपनी टीम … Read more

सुकून – कमलेश राणा

 कुछ दिनों से प्रात: भ्रमण शुरू किया है तो लगता है कि प्रकृति ने हमें कितना कुछ दिया है,,, और हम कृत्रिम साधनों में ही सुख ढूढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।      जो ताज़गी सुबह सबेरे बाहर की हवा में है,,,,वह AC ,,कूलर की हवा में कहाँ??जब जड़ी बूटियों की सुगंध से सुवासित हवा … Read more

श्वेत ख़्वाब – रीता मिश्रा तिवारी |  Inspirational Story in Hindi

New Project 40

राधिका पांच साल का बेटा दीपक को साथ लिए पति श्यामल के साथ रोज काम पर निकलती है। परिवार के नाम पर यही तीन लोग तो हैं । राधिका लोगों के घर झाड़ू पोछा और श्यामल दिनभर भर मेहनत मजदूरी कर हंसी खुशी जीवन यापन करते थे। जब से गांव मे पक्की सड़क बनने का … Read more

हाउसवाइफ नही होममेकर!! – मनीषा भरतीया

New Project 39

नीलिमा मेरी लाल रंग की फाइल कहां है??प्लीज जरा जल्दी से ढूंढ दो ऑफिस में आज प्रेजेंटेशन है..मुझे देरी हो रही है… नीरज ने अपनी पत्नी  नीलिमा से कहा….. जी अभी देती हूं….. यही तो आप  आपके कबर्ड में पड़ी थी …आप भी ना कभी ठीक से नहीं देखते…. और यह क्या नीरज फिर से … Read more

बहू रात के जुठे बर्तन सिंक में धोकर रखा करो!!  – मनीषा भरतीया

New Project 38

सविता जी वैसे तो बहुत ही सरल स्वभाव की थी |उन्हें किसी भी चीज में उंगली करने की आदत नहीं थी |लेकिन उनके कुछ अपने नियम थे|, जिनसे वह समझौता नहीं करना चाहती थी| सविता जी अपने पति ,बेटी ,बेटा और बहू के साथ सविता निवास में रहती थी| वह बेटी और बहू में कोई … Read more

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