भरपाई, एक बेबसी – ” रीमा महेंद्र ठाकुर “
हरिया, अपनी जोरु के साथ, कन्धे पर अपनी इकलौती बेटी को बिठाये लम्बे डग भरता चला जा रहा था। अगर आज छोटे मालिक चले गये तो “”” बडे मालिक से नजरे कैसे मिला पायेगा,छोटे मालिक के बडे एहसान है उसपर,,,, इस साल तो टिडिड्यो ने पूरी फसल चौपट कर दी,थी भला हो छोटे मलिक का … Read more