सोने के कंगन का मोल – पूजा मनोज अग्रवाल

   विशाल,,, ,, पिछ्ले 6 माह से मै अपने सोने के कंगन का इन्तजार कर रही हूँ,,,,हद होती है कंजूसी की ,,,,ऐसा तो कुछ नही मांगा है मैने,,, की तुम पूरा ही ना कर सको,,,,इस बार किट्टी पार्टी में नये कंगन ही पहन कर जाऊंगी ,,, रिया ने लगभग चीखते हुए कहा। विशाल भी चुप रहने … Read more

आज्ञा का पालन – रीता मिश्रा तिवारी

************** योग दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं “दादो आपकी उम्र क्या होगी”?   “पंचानबे (95) साल।”   “Omg पर दादो लगती तो सत्तर की हो ।बताओ कैसे? राज  क्या है?”   “अब तुमलोग के जैसे तो हैं ना..की दो तीन बजे रात तक जागे और दस बजे दिन तक सोए। ना कसरत ना योगा तो … Read more

ऐसा प्यार कहां… – प्रीती सक्सेना

  सुबह से लगातार बारिश हो रही है,, थमने का नाम ही नही ले रही,, शुक्र है,,, इतवार है,, किसी को कहीं जाना नहीं।      धीरे से किचन में,,, जाकर कड़क अदरक की चाय बनाई,,,, और बालकनी के सामने चेयर डालकर,, गर्म चाय का आनंद लेने लगी।       अकेलापन मिला,,,तो दिमाग भी अठखेलियां खेलने लगा,,, और पहुंचा  दिया,,, … Read more

पापा चले गए – रीटा मक्कड़

कितने खुश थे उसदिन पापा बिटिया का रिश्ता जो तय हो गया था और वो भी बहुत अच्छे घर मे।लड़का भी बेऐब बहुत हैंडसम और मेहनती था। पढ़ीलिखे और खानदानी लोग थे। जिसने रिश्ता करवाया वो भी पापा के बहुत करीबी जानकारों में से था इसलिए उन्हें मन से बहुत तसल्ली थी कि अब उन्हें … Read more

सासु मां की सोच” – मीनाक्षी राय

नीता के पिता और समर पिता दोनों दोस्त थे|  समर  के पिता बैंक में ऑफिसर थे, समर चार भाई-बहनों में छोटा था | नीता के पिता गांव में किसान थे| नीता के पिता और समर के पिता एक ही विद्यालय में पढे थे,  निता के पिता के पिता को चुकी जमीन जायदाद बहुत थी, तो … Read more

आज सब चुप थे वह बोलती थी – चांदनी झा

अजीब सी चुप्पी थी घर में। आखिर आज भी लड़केवाले, निशा के लिए मना कर के गये। फ़ोटो भेजा था मोबाइल में लड़केवालों को। पर उन्होंने कहा, लड़की थोड़ी हेल्दी है। वो तो दादी बड़बड़ाने लगी तो सबका ध्यान इद्दर-उधर हुआ….. लड़के वाले का फोन आते ही दादी, तो बड़बड़ाने लगी। अरे हेल्दी क्या है? … Read more

अनुरोध – गोमती सिंह

शाम का समय था । सूर्य देवता अस्तांचल की ओर रवाना करनें लगे थे । पक्षी वृन्द अपनें अपनें नीड़ की ओर वापस हो रहे थे । वातावरण में अंधेरा छाने लगा था। अंधेरे में डूबते इस दृश्य को देखकर सुनीता का मन उदासी के सागर में खोने लगा ।               वह सोंचने लगी कि क्या … Read more

इंसानियत – कंचन श्रीवास्तव

रिया के होने के साथ ही रेखा की चिंताएं बढ़ने लगी बढ़ना लाज़िमी भी है बेटी जो ठहरी ,भले आज जमाना बदल गया है बेटियां बेटों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही पर देख भाल रहन सहन चाल ढाल का ख्याल तो रखना ही पड़ता है उसे ऐसी परवरिश देनी होगी जिससे आगे चलकर … Read more

मैडम – अनुपमा

रफ्तार से भरी सड़क पर अचानक से एक छोटी बच्ची को देख मैडम घबरा गई और दौड़ कर उसे गोद मैं उठा लिया , साथ ही चारो तरफ देखने लगी की किसने इसे मरने को बीच रास्ते पर छोड़ दिया ,देखा पास ही मरणासन्न स्तिथि मैं अर्धनग्न औरत पड़ी है ,जिंदा है भी की नही … Read more

भरोसा – नीलम सौरभ

काम से थके-माँदे लौट कर घर में प्रवेश करते विनोद ने देखा, दूसरे मोहल्ले में रहने वाली उसके दूर रिश्ते की चाची उसके घर से निकल कर बाहर जा रही थीं। दोनों ने ही एक-दूसरे को देखा मगर चाची ने कोई बात नहीं की और झटपट अपने रास्ते हो लीं। घर के भीतर विनोद ने … Read more

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