अपनी कीमत – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi
अनपढ़ रागिनी के स्वाभिमान को आज बहुत बड़ा धक्का लगा। बचपन से लेकर आज तक की जो उसकी ज़िंदगी है, उसकी मर्ज़ी की है कहाँ? शायद इसलिए वो इतना, और बार-बार जलील हो रही है। सासू माँ ने कहा, “जायेगी कहाँ, दो अक्षर का ज्ञान भी नहीं है, और न कोई हुनर, न इल्म। खायेगी … Read more