मोहताज – खुशी : Moral Stories in Hindi

New Project 38

नीला एक मेहनती महिला थी घर बाहर सब संभालती थीं।सुबह घर का सारा काम बच्चों को स्कूल भेजकर पति राजेश भी घर पर थे । फैक्ट्री में नौकरी करते हुए उसका एक हाथ चला गया था तो वो भी घर पर ही था।उसका सब काम दिन भर की तैयारी करके जाना । नौ बजे फैक्ट्री … Read more

अंगूठी का नगीना – डा.शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

New Project 39

समाज में हर व्यक्ति को किसी न किसी पैमाने पर मापा जाता है। यह मापदंड अक्सर बाहरी रूप, धन, या दिखावे पर आधारित होते हैं, जबकि वास्तविकता कहीं अधिक गहरी होती है। “अंगूठी का नगीना” का मुहावरा सदैव इस समाज की खामियों और वास्तविकता के बीच के संघर्ष को दर्शाता है। यह कहानी एक ऐसी … Read more

ससुराल ऐसा ही होता है – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 40

आज  इतवार था ।सुबह उठकर चाय ही बनाने जा रही थी कि फोन बज उठा । देखा तो मम्मी जी का फोन था । मन में अनेकों पुरानी बातें घूमने लगी..हमारी बातें तो काफी समय से बंद है तो आज क्यों कॉल आ रहा  , सब ठीक तो होगा ? खैर ..सवालों को अपने दिमाग … Read more

माँ का मोह – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

New Project 41

अब हमारे बीच कुछ भी नहीं बचा…अंदर ही अंदर खोखला हो गया है हमारा ये रिश्ता….और कितना निभाऊँ मेंयह रिश्ता तुम ही बताओ रिया….. अब हमारे बीच नार्मल पति – पत्नी जैसा कुछ रहा ही नहीं ,अपनी पत्नि रिया से यह बात कहते कहते नीरज की आँखें आंसुओं से भीग गई…. और दूसरी तरफ रिया … Read more

गुड न्यूज – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 42

‘दादू! आपके लिए ‘गुड न्यूज’ है। मेरा इंटरव्यू बहुत बढ़िया हुआ और मेरा चयन हो गया है। अभी मैं नियुक्ति-पत्र  लेने के लिए स्कूल में ही रुकी हूँ।’ रिद्धि फोन पर चहक रही थी। ‘शाबाश! मेरी लाडो!’ कहकर उसके दादू कुछ और पूछना चाहते थे कि ‘बाकी सारी बातें घर आकर बताऊंगी।’ कहकर रिद्धि ने … Read more

किसान – एम.पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 43

परिवार के साथ कार से मनाली घूमने गया था। बच्चा छोटा था इसलिए बार बार रुकना पढ रहा था। एक जगह रुक कर बच्चे के लिये दूध बनाने के किये गरम पानी लिया और चाय पी। होटल वाले ने 50 रु लिये, 20-20 रु चाय के ओर 10 रु गरम पानी के।  तब मुझे अपने … Read more

“मोहताज” – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

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जानती हो उस दिन मेरा मन कचोट कर रह गया था। मैंने अपनी पूरी जिंदगी उसके दरवाजे पर ही बीता दिया लेकिन उसे तनिक भी लिहाज नहीं। बिना लाग लपेट के कह दिया था कि–” मैंने तुम्हारे परिवार का ठेका लिया है क्या? तुम अपने लड़के को पढ़ाओ या मत पढ़ाओ उससे मेरा क्या लेना … Read more

बुजुर्ग मोहताज नहीं होते – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

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मायके में कुछ दिन रहने आई रचना ने जब अपनी मम्मी की बात सुनी और उनके आंसू देखे तो मानो, उसे ऐसा लगा, किसी ने उसके मुंह पर कसकर तमाचा जड़ दिया हो।   उसकी मम्मी उसे बहाने से बाहर ले गई। ” चल रचना, बाजार चलते हैं मुझे सूती सूट लेने हैं और तू भी … Read more

स्नेह का बंधन – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 86

  ” रीना..सुन रही हो..दो दिन बाद पापाजी आ रहें हैं..उनके लिये कमरा तैयार करवा देना।” किचन में काम कर रही अपनी पत्नी से मनीष ने कहा तो वो भड़क उठी। आँखें दिखाते हुए बोली,” क्यों आ रहें हैं तुम्हारे पापाजी..तुम नहीं जानते कि बच्चे अपने घर में किसी तीसरे आदमी को पसंद नहीं करते।”   ” … Read more

भगवान थोड़ी जिंदगी और दे दो – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

New Project 100

अस्पताल के बेड पर पड़ी हुई रागिनी जी की आंखों से आंसू की बूंदे निकलकर तकिये को भिगो रही थीं… । अपनी बिमारी से ज्यादा पति और बेटे की बेबसी उन्हें खल रही थी। बिना किसी औरत के घर संभालना कितना मुश्किल होता है ये बात सब समझ रहे थे। दोनों का उतरा हुआ चेहरा … Read more

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