*निकृष्टता* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 2

     वोव-अंकल,आप इस उम्र में भी बड़े हैंडसम लगते हैं।ये नीला सूट अंकल आप पर खूब फब रहा है।       थैंक्यू, बेटा, बैठो प्राची बस आने ही वाली होगी।चाय साय तो चलेगी।       चलेगी-अरे अंकल दौड़ेगी।कहकर सोनम जोर से हंस पड़ी          मुकेश जी ने एक धौल सोनम की पीठ पर जमा कर कहा-हां हाँ बैठ तो।          मुकेश जी … Read more

सास से प्यार भरा रिश्ता – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 11

अरे माला तू यहां कैसे माल में घूमते हुए जैसे ही रूपा की नजर माला पर पड़ी वह चहक कर बोली और दोनों गले लग गईं ।माला बोली अभी अभी छः माह पहले ही मेरे पति का स्थानांतरण यहां हुआ है। चल आज मैं जल्दी में हूं फोन नंबर दे और मैं अपना भेजतीं हूं।कल … Read more

नीयति का खेल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 70

    अबोध तीन वर्षीय अनिकेत समझ ही नही पा रहा था,कि उसके साथ ये क्यों हो रहा है?पापा बोले थे कि अन्नू देख ये तेरी नयी मम्मी।मम्मी शब्द सुन अन्नू चौंका, उसे लगा मम्मी आ गयी,पर ये तो कोई और है,इसीलिये उसमें कोई उत्साह नही हुआ।पापा ने अन्नू को फिर समझाया, बेटा पहले वाली मम्मी तो … Read more

नीयत खोटी तो इज़्जत कैसी! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 72

   ” खाना रखा है…ठूँस लो…।” टेबल पर थाली पटकती हुई शारदा बोली तो उसके जेठ धीरे-से बोले,” शारदा..मैं तुम्हारे पति का बड़ा भाई हूँ..इतना तो लिहाज़ करो…।”    ” जानती हूँ लेकिन लिहाज़ करने वाला कर्म किये होते तो ज़रूर आपको सिर पर बिठाती मगर आप तो…।” आँखें तरेरती हुई शारदा ने बिस्तर पर पड़े बासठ … Read more

” गलती” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 77

” क्या हुआ निशु इतना उदास क्यो हो ?” हेमंत घर मे आते ही पत्नी से पूछने लगा। “हेमंत पापा ने तुम्हारे साथ इतनी बतमीजी से बात की अपनी बेटी के पति से ..ये मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा !” निशु हेमंत को देख रोते रोते बोली। ” अरे तो इसमे इतना रोने वाली क्या … Read more

गलती किसकी!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 78

मनन ये तूने क्या किया मेरे सारे किए कराए पर पानी क्यों फेर  दिया.. घर में प्रवेश करते राजन के स्वर में दुख भी थी और चिंता भी । …क्या हो गया ऐसा क्या कर दिया मेरे बेटे ने रश्मि ने जल्दी पानी का गिलास पकड़ाते हुए पूछा। अपने लाडले से ही पूछ लो ना।अरे … Read more

जीवन-संध्या के कुछ पल – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

New Project 80

   सुबह तड़के नित्य कर्मों से निवृत होकर बलदेव लाठी टेकता ओसारे में पड़ी उस खाट की ओर आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ने लगा, जिससे उसका संबंध वर्षों से स्थापित हो गया था।    खाट के पास पहुंँचकर पल-भर के लिए वह रुका, फिर वह खाट पर बैठ गया। खाट पर बैठे-बैठे उसने अपनी लाठी को वहीं दीवार के सहारे … Read more

“काश ऐसी समझने वाली मां जैसी सास हर लड़की को मिले। – स्मृति गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 83

यार! सोहा तू इन सब बातों को इतना सीरियसली क्यों लेती है? ये दुनियां हकीकत से बहुत दूर होती है, ये सब व्यूज और पैसे के लिए कुछ भी पोस्ट करते हैं। लेकिन सोहा पर अपनी सहेली खुशबू की बातों का कोई असर नहीं होता था। फेसबुक, इंस्टाग्राम की पोस्ट और reels देख देख कर … Read more

पश्चाताप के ऑसू – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

New Project 97

सरला आज बेहद परेशान थी। अपने ही कोख जाये के कृत्य से वह शर्म से गड़ी जा रही थी। उसे लगा कि उसके अपने ही बेटे ने उसे वस्त्रहीन कर दिया है। जगदीश के पिता कामता प्रसाद रामपुर गॉव में पोस्ट मास्टर थे। अजय और जगदीश का बचपन साथ ही बीता था। कक्षा आठ तक … Read more

आखिर उसे फैसला लेना ही पड़ा। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 98

“पछतावे के आँसू” को पोछती हुई ऋचा एकाएक उठ खड़ी हुई, और गौरव से बोली “राखी अब आपकी ज़िम्मेदारी है। और ये जो नया मकान में रह रहें हैं, आप ये मेरे पति की कमाई से बना हुआ है। आपके हिस्सा का पुराना घर, उधर है, जाइए जाकर अपनी पत्नी के साथ रहिए। और हाँ, … Read more

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